आज भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध हो रहा है। पर अगर आजादी के तत्काल बाद सरकार किसान और उसकी जमीन के संदर्भ में अंग्रेजों के पूर्व की स्थिति बहाल कर देती, तो यह स्थिति पैदा नहीं होती। यानी आजादी के बाद की कांग्रेसी सरकारें भी विकास के लिए वही नीति अपनाना चाहती थी, जो अंग्रेजों की थी। अंग्रेजों से पहले राजाओं, सुल्तानों व मुगलों के समय तक किसान ही जमीन...
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घटता पैसा और ठहरे ग्राम न्यायालय
क्या केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता के अभाव में ग्राम न्यायालयों की संख्या नहीं बढ़ पा रही ? उपलब्ध सरकारी दस्तावेज के आंकड़ों से कम से कम इसी आशंका की पुष्टी होती है। केंद्र की पिछली सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री कपिल सिब्बल ने 18 दिसंबर 2013 को एक प्रश्न के उत्तर में लोकसभा को बताया कि ग्राम न्यायालय एक्ट के अमल में आने के चार सालों में राज्यों को...
More »बीमारी नयी नहीं, जड़ पर चोट की जरूरत- कृष्ण कुमार
वसंत के मौसम में परीक्षा में नकल की बातें अक्सर सामने आती हैं. जैसे ही परीक्षा का मौसम का खत्म होता है, सबकुछ सामान्य हो जाता है. अब जिस व्यवस्था में पढ़ाई का एक मात्र लक्ष्य परीक्षा पास करना हो, और हमने उसी तरह की परीक्षा प्रणाली भी विकसित की हो जिसमें ज्ञान अजिर्त करना छात्रों का उद्देश्य न हो, बल्कि परीक्षा में अधिक अंक लाना ही एकमात्र उद्देश्य हो,...
More »अफसरों की गलती से 2314 करोड़ की हानि
रांची : अफसरों की गलती से वित्तीय वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार को विभिन्न क्षेत्रों से 2313.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सरकार को राजस्व के रूप में 26136.79 करोड़ रुपये मिले. सरकार ने जून 2014 तक 12704.36 करोड़ रुपये के खर्च में नियमों के उल्लंघन और गड़बड़ी से संबंधित निरीक्षण प्रतिवेदन का निबटारा नहीं किया. नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. सीएजी की...
More »किसने मारा उन 42 लोगों को? - सुधांशु रंजन
हाशिमपुरा मामले में जीवित बचे सभी 16 अभियुक्तों की निचली अदालत द्वारा हुई रिहाई ने भारत की न्याय व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। लगभग 28 वर्षों के इंतजार के बाद मृतकों के परिजनों को जोर का झटका लगा, जब संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने अभियुक्तों को बरी कर दिया। घटना 22 मई 1987 की है, जब मेरठ के हाशिमपुरा से प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के...
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