जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति पर मैंने कई बार लिखा है, खासकर कश्मीर घाटी की स्थिति के संदर्भ के साथ। अप्रैल से सितंबर 2016 के दरम्यान, प्रस्तुत पेज पर, इस विषय पर छह स्तंभ आए। मेरा मुख्य तर्क यह था कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार और केंद्र सरकार ने जो नीतियां अख्तियार की हुई हैं उनके चलते हम कश्मीर को खो रहे हैं। कश्मीर घाटी के बाहर, कुछ ही लोगों...
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सुधार की बाट जोहती अदालतें - विराग गुप्ता
पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद का विधिसम्मत समाधान निकालने के बजाय संबंधित पक्षों पर आम सहमति से निदान तलाशने का जिम्मा सौंप दिया। इसके उलट भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई में अनियमितताओं के लिए दोषियों को दंडित तो नहीं किया, अलबत्ता क्रिकेट प्रशासन में सुधार का जिम्मा सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के हाथ में सौंप दिया। शायद यही कारण रहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व सांसदों की पेंशन...
More »पाबंदियों के दौर में- तवलीन सिंह
पिछले हफ्ते जिस दिन अफगानिस्तान में आइएसआइएस की पहाड़ी गुफाओं पर हमला किया अमेरिका ने, मैं दिल्ली के एक जापानी रेस्तरां में दोपहर का खाना खाने गई थी। दो किस्म की सूशी मंगवाई और एक गिलास नाशिक में बनी सफेद वाइन का। वाइन आई, ठंडा घूंट लिया और सोचने लगी डोनल्ड ट्रंप के नए हमले के बारे में। सोच में डूब रही थी कि देखा वेटर मेरे आसपास मंडरा रहा...
More »बेड़ियों को तोड़ती मुस्लिम महिलाएं - नाइश हसन
मशहूर शायर फैज अहमद फैज ने अरसा पहले अपनी एक नज्म के जरिए औरतों को झकझोरने की कोशिश की थी। नज्म कुछ यूं है, 'बोल कि लब आजाद हैं तेरे, बोल जुबां अब तक तेरी है। उनकी इस नज्म ने महिलाओं पर गहरा असर डाला। यह नज्म जगह-जगह गुनगुनाई जाने लगी और अब इसका असर भी दिखने लगा है। यूं तो औरतों पर बंदिशों की कमी नहीं, लेकिन मुस्लिम समुदाय में...
More »गांधी की दृष्टि में गांव और किसान-- श्रीभगवान सिंह
महात्मा गांधी के विचारों और सोच के निर्माण में देश-विदेश के अनेक विचारकों, कवियों, लेखकों के साथ-साथ उनके अपने जीवनानुभवों का भी बहुत बड़ा हाथ रहा। इन जीवनानुभवों में अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा भारत में गांवों तथा किसानों के संबंध में उनके अनुभव। यह दीगर बात है कि उनके विचारों तथा कार्यों के मूल्यांकन के संदर्भ में इस पक्ष पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। सर्वविदित है कि दक्षिण अफ्रीका...
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