‘मछरी जल बीच मरत पियासी' ! इस उलटबांसी का अर्थ समझना हो तो गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिहाज से महत्वूर्ण माने जाने वाले सूक्ष्म, छोटे और मंझोले उद्यमों की हालत पर गौर कीजिए! हाल की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि छोटे, मंझोले और सूक्ष्म उद्यमों के विकास-विस्तार और सुधार के लिए सरकार ने 200 से ज्यादा सहायता योजनाएं चला रखी हैं लेकिन सूक्ष्म, छोटे, और मंझोले आकार के उद्यम (एमएसएमई) इनका...
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इस देश की GDP के बराबर है मुकेश अंबानी की संपत्ति
नयी दिल्ली: उद्योगपति मुकेश अंबानी लगातार नौंवे साल देश के सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा हासिल करने में सफल रहे हैं. फोर्ब्स इंडिया के अनुसार अंबानी की कुल संपत्ति तेजी से बढती हुई 22.7 अरब डालर पर पहुंच गयी. इस तरह अंबानी की परिसंपत्तियां एस्टोनिया की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बराबर हो गई. इसी तरह फोर्ब्स की सूची में विप्रो के अजीम प्रेमजी देश के चौथे सबसे धनी व्यक्ति...
More »मूडीज ने कहा, निवेश को गति देने के लिए पीपीपी मॉडल को विकसित करने की जरूरत
नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज कहा कि देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अधिक निजी निवेश आकर्षित करने के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी :पीपीपी: मॉडल को और विकसित किये जाने की जरुरत है. इससे वृद्धि को गति देने में मदद मिलेगी. मूडीज के वीपी :उपाध्यक्ष: तथा वरिष्ठ विलेषक अभिषेक त्यागी ने कहा कि देश में पिछले 20 साल में कुछ क्षेत्रों में पीपीपी व्यवस्था उपयुक्त...
More »इंटरनेट विस्फोट के लाभ-- बिभाष
हाल ही में एक बड़ी कंपनी द्वारा मोबाइल सेवाएं प्रारंभ करने के बाद मोबाइल सिम हासिल करने के लिए लोगों की भारी भीड़ कंपनी-विशेष के काउंटरों पर जमा हो गयी है. लोग सिम पाने के लिए हर प्रकार का जुगत कर रहे हैं. कारण है बड़े ही सस्ते दर पर मोबाइल सेवाएं, खासकर इंटरनेट देने का प्लान. हालांकि, मुफ्त फोन काॅल दर भी आकर्षण का एक कारण है, लेकिन सस्ता...
More »जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह
ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...
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