नई दिल्ली। बीते साल यानि 2013 में पूरे देश में आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर मामले बेरोजगारी, गरीबी या दिवालिया होने वालों के नहीं बल्कि लव अफेयर से संबंधित थे। इसका खुलासा हुआ है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में हत्या या हत्या की कोशिश का सबसे बड़ा कारण लव अफेयर है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, बीते साल...
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स्मार्ट सिटी एक सौ, और गांव?- कृष्ण प्रताप सिंंह
नयी सरकार को समझना चाहिए कि गांवों ने पिछली सरकार को अपनी क्रूर नासमझी में समझने से मना कर दिया था कि जस के तस पड़े बदहाली पर रोते गांव यदि स्मार्ट नहीं होंगे, तो वे शहरों को भी स्मार्ट नहीं ही होने देंगे. गांवों के इस देश के नये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिलहाल देश में सौ स्मार्ट सिटी चाहिए! इस बात को वे आजकल विभिन्न अवसरों पर बार-बार दोहरा...
More »झारखंड की 39 माइंस पर लग सकता है ताला, सुप्रीम कोर्ट के आदेश - पंकज त्रिपाठी
रांची. लीज होल्ड ग्रांट होने के बाद आयरन ओर के उत्खनन की अनुमति देने के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को राज्य में लागू किया गया तो सबसे अधिक मुश्किलें स्टील अथोरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के समक्ष आएगी। कंपनी के पास 12 माइंस हैं, जिनकी लीज अवधि समाप्त हो चुकी है। 27 अन्य बड़ी कंपनियों को भी तत्काल माइनिंग रोकना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने गत 16 मई को माइनिंग...
More »नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क
16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...
More »राज्यों से बेहतर तालमेल जरूरी- नृपेन्द्र मिश्र
बस दो हफ्तों की बात और है, इसके बाद केंद्र में एक नई सरकार होगी, जिसे बेकाबू भ्रष्टाचार, धीमी विकास दर, बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते दामों और गहरी जड़ें जमा चुकी दोषपूर्ण मान्यताओं से उपजी राजनीतिक व्यवस्था जैसी विकराल चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। चुनावी सरगर्मियों पर नजर डालने से साफ पता चलता है कि ऐसे तीन मुद्दे हैं, जो औसत मतदाता की परेशानियों का सबब बनते हैं। इनमें सबसे...
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