साल 2019 बीतते-बीतते प्रमुख राजनीतिक दलों की वित्तीय आय और इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनाव में चंदे की नई व्यवस्था से जुड़ी कई खबरें और चर्चाएं सुनने को मिलीं. लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने और पत्रकारों ने आरटीआइ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनावी चंदा लेने के इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे अपारदर्शी तंत्र पर सवालिया निशान खड़े किए. इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग...
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कश्मीरी पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह के टेरर लिंक पर एनएसए अजीत डोभाल से कुछ सवाल
इस बात में कोई शक नहीं है कि जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी दविंदर सिंह का श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर दिल्ली के रास्ते में दो संदिग्ध आतंकियों के साथ गिरफ्तार होना बीते कुछ समय में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बड़ी घटनाओं में से एक है. और मुझे यकीन है कि अजीत डोभाल, ऐसे व्यक्ति होने के बतौर, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में प्रधानमंत्री को सलाह देते हैं, बीते कुछ...
More »2018-19 में चुनावी बॉन्ड से भाजपा को 1,450 करोड़ व कांग्रेस को 383 करोड़ रूपए मिले : एडीआर
चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार 2018-19 में भाजपा को चंदे में 2,410 करोड़ रुपये मिले. जिसमें 1,450 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए आए. वहीं, कांग्रेस को चंदे में 918.03 करोड़ रुपये मिले, जिनमें 383.26 चुनावी बॉन्ड के जरिए आए. बुधवार को जारी एडीआर के एक विश्लेषण के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान, छह राष्ट्रीय दलों में से केवल भाजपा, कांग्रेस और...
More »मोटे अनाज की प्रोसेसिंग से बना सकते हैं 60 से अधिक उत्पाद
एक समय था जब दक्षिण भारत और उत्तर भारत के कई राज्यों में मोटे अनाज की खेती होती थी, लेकिन कम उत्पादन, मार्केट की समस्या से किसानों ने मोटे अनाज की खेती से मुंह मोड़ लिया। लेकिन एक बार फिर किसान इसकी खेती की तरफ लौट रहे हैं। भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक किसानों को सावां, कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाज से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दे रहे...
More »देश में नया श्रम कानून लागू, मगर मजदूरों के हाथ खाली
"नये श्रम कानून में सरकार अगर देश में मजदूरों की 178 रुपए कम से कम मजदूरी तय कर रही है, तो सीमेंट की बोरी ढोने वाले हम जैसे मजदूरों को दिन भर काम के बाद 250 रुपए मजदूरी मिलती है, अब आप बताइये इतनी महंगाई में 250 रुपए दिहाड़ी पर घर चलता है क्या?, तो 178 रुपए पर क्या कहेंगे," यह कहना है मजदूर दल्ला मीना का, जो राजस्थान के...
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