भारतीय किसान की तस्वीर आज भी कमोबेश कक्षा आठ में लिखे जाने वाले उस निबंध से बाहर नहीं निकल पाई है, जहां हम पहली लाइन में तो यह लिखते थे कि किसान देश का पेट पालते हैं, लेकिन आखिरी लाइन यही रहती थी कि किसान किसानी से इतना कमा नहीं पाते कि वे अपना पेट पाल सकें। भारतीय किसान की यह तस्वीर बदलती क्यों नहीं है? जीवन के हर हर क्षेत्रों में...
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जन विरोधी ऊर्जा का उत्पादन मत कीजिए - भरत झुनझुनवाला -
तमिलनाडु में कुडनकुलम में बन रहे परमाणु संयंत्र का स्थानीय जनता विरोध कर रही है. महाराष्ट्र में अल्फ़ांसो आम के क्षेत्र में बनने वाले जैतापुर परमाणु संयंत्र का किसान विरोध कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने पूरबा मेदनीपुर में बनने वाले रूसी परमाणु संयंत्र पर रोक लगा दी है. जर्मनी ने निर्णय लिया है कि 2022 तक देश में सभी परमाणु संयंत्र को बंद कर दिया जायेगा. लेकिन, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह परमाणु ऊर्जा...
More »कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
More »पशुधन का कुपोषण से क्या रिश्ता है ?
हम जानते हैं कि कुपोषण का बोझ देश के जमीर और जेब दोनों पर भारी है।हम यह भी जानते हैं कि बाल-कुपोषण से छुटकारा पाना बड़े साहस और धैर्य की मांग करता है। लेकिन कुपोषण से छुटकारा पाने की स्थिति में जो आर्थिक फायदे होंगे- क्या हमें उन फायदों के बारे में पता है? एफएओ की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत बाल-कुपोषण को खत्म करके अपनी आय में 28 अरब अमेरिकी डॉलर का इजाफा कर सकता है।यह बड़े आर्थिक...
More »खाद्य महंगाई दर 11.43 फीसदी पर
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरकार की तमाम कोशिशों और दावों को धता बताते हुए खाद्य वस्तुओं की महंगाई काबू से बाहर होने लगी है। खाने-पीने की चीजों के महंगा होने से आम लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। सब्जियों, फल और दूध के मूल्य बढ़ने से थोक मूल्यों पर आधारित खाद्य महंगाई की दर 11 फीसदी के पार पहुंच गई है। दालें और मोटे अनाज के स्थिर मूल्य भी चढ़ने लगे हैं।...
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