रायपुर.मेडिकल स्टोर्स में मल्टी विटामिन के नाम पर फलों का जूस बेचा जा रहा है। इसकी पैकिंग बिलकुल दवा की तरह है। इस वजह से लोग धोखा खा रहे हैं। इंडियन फार्मो कोपियर(आईपी) से न इसे प्रमाणित किया गया है और न ही शुद्धता की मुहर लगी है। इसके बावजूद डॉक्टर्स धड़ल्ले से मल्टी विटामिन बताकर इन्हें मरीजों के लिए लिख रहे हैं। खाद्य एवं औषधि विभाग के छापों के बाद...
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इन करोड़ों बच्चों का पता कहां मिलेगा ---शिरीष खरे
2001 की जनगणना के ही अलग-अलग आकड़ों के जोड़-घटाव से एक अहम सवाल उभरता है. पहले आंकड़े के मुताबिक देश के 8 करोड़ 50 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते. दूसरे आंकड़े में 5 से14 साल उम्र के एक करोड़ 30 लाख बच्चे मजदूर हैं. अगर 8 करोड़ 50 लाख में से 1 करोड़ 30 लाख को घटा दें, तो सात करोड़ 20 लाख बचते हैं. यह उन बच्चों की संख्या है...
More »रास में उठा महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता का मुद्दा
नई दिल्ली। पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी के कनॉट प्लेस में बेहद दुखद परिस्थिति में एक निराश्रित गर्भवती महिला के प्रसव तथा उसकी मौत का मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में उठाया गया। विभिन्न दलों के सदस्यों ने महिलाओं के प्रति समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता पर गहरी चिंता जताई और सरकार से मांग की कि ऐसे उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटना दोहराई न जा सके। ...
More »बच्चों की कब्रगाह है मेलघाट-शिरीष खरे
विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...
More »मातृत्व सुख में आड़े नहीं आएगी गरीबी
शिमला। मां बनने के सुख के रास्ते में गरीबी कोई रोड़ा नहीं रहेगी। हिमाचल में गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संस्थानों में निशुल्क प्रसव की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। यदि किसी महिला को बड़े अस्पताल में रेफर करने की जरूरत पड़ती है तो उसका खर्च भी सरकार ही उठाएगी। इसके लिए विशेष तौर पर एंबुलेंस मुहैया करवाई जाएगी। यही नहीं, अस्पताल से डिस्चार्ज के दौरान भी उनसे कोई शुल्क नहीं लिया...
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