छत्तीसगढ़ के तृणमूल स्तर के कई कार्यकर्ताओ ने देश के जनपक्षी धड़ों के लिए एक टिप्पणी जारी की है। इस टिप्पणी में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और आदिवासियों के बीच जारी संघर्ष को विराम देने की अपील की गई है।छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से संबद्ध सुधा भारद्वाज का तर्क है कि विद्रोह को दबाने के नाम पर छत्तीसगढ़ में नरसंहार की आशंका बलवती हो गई है और इसे रोकने के लिए...
More »SEARCH RESULT
कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
More »ना ना करो बहाना करो- प्रभाष जोशी
फरियादी भी थे, और मुंसिफ भी था-फरियाद हुई मगर फैसला नहीं हुआ। कारण, मुंसिफ बीच बहस से उठकर चला गया। कुछ ऐसा ही नजारा पेश आया जयपुर स्थित स्थानीय विश्वविद्यालय के मानविकी विभाग के सभागार में। मौका था मजदूर किसान शक्ति संगठन और साथी संगठन द्वारा आयोजित जन-सुनवाई का और शिकायतें थीं राजस्थान के सूचना आयुक्त के कार्यालय से। सूचना आयुक्त एम डी कौरानी आये और सैकड़ों फरियादियों से भरी...
More »सूचना अधिकार कानून में संशोधन होगा
नयी दिल्ली : सरकारी कामकाज में पादर्शिता और बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार सूचना अधिकार कानून 2005 में संशोधन करने जा रही है, ताकि इस कानून में निहित कुछ अनियमितताओं को दूर किया जा सके. कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज यहां आयोजित प्रशासनिक सुधार विभागों के सचिवों के सम्मेलन का उदघाटन करते हुये कहा कि इस कानून ने आम नागरिक को सशक्त बनाने तथा प्रशासन...
More »भोजन का अधिकार
खास बात · खाद्य सुरक्षा विधेयक में कहा गया है कि देश के ग्रामीण क्षेत्र के 75 फीसदी और शहरी क्षेत्र के 50 फीसदी लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस आबादी का वर्गीकरण दो कोटिय़ों- प्राथमिक(priority) और सामान्य(general)- के रुप में किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र से 46 फीसदी लोगों को प्राथमिक वर्ग में रखा जाएगा जबकि शहरी क्षेत्र से 28 फीसदी लोगों को। बाकी जन दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य वर्ग में माने जायेंगे। विधेयक के...
More »