हादसे को पांच दिन हो गए। पांच दिन बाद भारी-भरकम मलबे के नीचे किसी के जिंदा होने की कल्पना भी असंभव सी लगती है, लेकिन अचानक घटना के 84 घंटे बाद मलबे से आई एक पांच सैकेंड की फोन कॉल ने कई श्रमिकों के परिजनों के हृदय में वह आस जगा दी है, जिसे वह पूरी तरह छोड़ चुके थे। एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर काम कर रही थी। इस...
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फैक्ट्री की इमारत ढहने से गईं 10 जानें, 100 से अधिक अभी भी दबे
जालंधर. रविवार देर रात ध्वस्त हुई शीतल फाइबर में 10 श्रमिकों की मौत हुई है। बचाव दल ने सोमवार रात तक मलबे से 3 शव निकाले जबकि 6 शवों को निकालने की कोशिश जारी थी। एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ा। मलबे से अभी तक 58 लोगों को जिंदा निकाला गया है पर अभी भी 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने आशंका है। फैक्ट्री के मालिक शीतल विज को...
More »बथानी टोला नरसंहार: कोर्ट ने किया 23 लोगों को बरी
बिहार में भोजपुर के चर्चित बथानी टोला नरसंहार मामले में सोमवार को एक बड़ा फैसला आया है. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में 23 अभियुक्तों को बरी कर दिया है. इस मामले में निचली अदालत ने आठ लोगों को फांसी और 15 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. मामले में कुल 67 आरोपी बनाए गये थे. 33 लोगों के खिलाफ मुकदमा चला और 23 को अभियुक्त बनाया गया था. उल्लेखनीय है कि...
More »कोई गुलाम योद्धा यह ना पूछे- क्यों युद्ध हारे( दैनिक जागरण, रांची संस्करण)
बीहड़ों में बागी होते हैं, डाकू तो पार्लियामेंट में होते हैं। फिल्म पान सिंह तोमर का यह डायलॉग सबकी जुबान पर है। आठ बार नेशनल चैंपियन रह चुके एथलीट पान सिंह तोमर सरकारी व्यवस्था में घिसकर अंतत: हथियार उठा लेता है और चंबल के बीहड़ों का कुख्यात डकैत बन जाता है। पलामू में 2001 में एक नक्सली श्याम बिहारी उर्फ विनय जी उर्फ सलीम ने आत्मसमर्पण किया था। उसे...
More »नमस्कार-चमत्कार और प्रणाम...- गोपालकृष्ण गांधी
बात खादी-परंपरा से जुड़ी राजनीति की ही नहीं। हर दल की विश्वसनीयता ने क्षति देखी है। डॉ. लोहिया को कौन समाजवादी आज याद नहीं करता? अटलजी की आवाज सुनने आज कौन भाजपा समर्थक आतुर नहीं? एमना पागे लाग, गोपू (इनको प्रणाम कर, गोपू।) घर में जब कोई बुजुर्ग तशरीफ लाते तो पिताजी मुझे गुजराती में यह हिदायत देते। हिदायत क्या, आदेश ही समझिए। वह आदेश बहुत सुहावना होता था, क्यूंकि...
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