SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 340

दुनिया में मलेरिया कितना बड़ा खतरा है ?

सन् 1799 की बात है। चौथे आंग्ल–मैसूर युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने टीपू सुल्तान को हरा दिया। हार के बाद राजधानी श्रीरंगापट्टनम पर विलायती सेना का कब्जा हो गया, सैनिक श्रीरंगापट्टनम के किले में बस गए। लेकिन कुछ वक्त बाद वहां पर सिपाही बीमार पड़ने लगते हैं। बीमारी के डर से राजधानी को बैंगलोर ले जाया जाता है फिर भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। बीमारी का...

More »

ग्रामीण महिला किसानों को सशक्त बनाने वाला एक मॉडल जो उन्हीं से मज़बूत बनता है

इंडिया डेवलपमेंट रिव्यू, 23 नवम्बर 1993 के लातूर भूकम्प के बाद एक पायलट परियोजना के तहत एक हजार से अधिक महिलाओं ने पुनर्वास कार्यों के लिए सरकार और अपने समुदायों के बीच सुविधाएं उपलब्ध करवाने वाले के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी। इसके लगभग 30 साल बाद, सामुदायिक उद्देश्यों के लिए महिलाओं को संगठित करने वाले इस मॉडल ने भूकंप, सूनामी, चक्रवात, सूखा और हाल ही में महामारी के दौरान...

More »

कॉप-27: क्या सेनाओं का बढ़ता कार्बन फुटप्रिंट एमिशन रिपोर्टिंग का हिस्सा नहीं होना चाहिए?

डाउन टू अर्थ, 07 नवम्बर दुनिया भर में कई शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाएं बड़ी तेजी से अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने में लगी हुई हैं। हर दिन दुनिया के किसी न किसी हिस्से से मिसाइल या अन्य हथियारों के किए जा रहे परीक्षण की खबरे सामने आती रहती हैं। ऐसा ही एक परीक्षण हाल ही में नार्थ कोरिया ने किया था। देखा जाए तो दुनिया भर में सशस्त्र बलों को मजबूत करने की एक...

More »

म्यांमार के चालीस हज़ार से अधिक शरणार्थी मिज़ोरम के 60 शिविरों में रह रहे हैं

 द वायर, 25 सितम्बर सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के राज्यसभा सदस्य के. वनलालवेना के अनुसार, फरवरी 2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से वहां के 40,000 से अधिक शरणार्थियों ने मिजोरम में शरण ली है. उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को किसी भी तरह का काम या रोजगार करने की मनाही है, हालांकि राज्य सरकार उन्हें शिविरों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया करा रही है. सांसद वनलालवेना ने द हिंदू...

More »

पहाड़ी दरकने से मजदूर की मौत, बचे सेना के जवान

अमर उजाला,26 जुलाई धारचूला (पिथौरागढ़)। तवाघाट- लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामारी पेलसीती झरने के पास पहाड़ी दरकने से एक मजदूर की मौत हो गई और एक घायल हो गया। हादसे में सेना के दो जवान बाल-बाल बच गए। दोनों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। हालांकि बोल्डर की चपेट में आने से जिप्सी और पोकलैंड मशीन क्षतिग्रस्त हो गई। गर्ग एंड गर्ग कंपनी के जेई महेंद्र धामी ने बताया कि...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close