प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय कमेटी ने विवादित फैसले लेने और भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण चर्चित रहे सार्वजनिक उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पर कतरने की सिफारिश की है। कमेटी का कहना है कि एफसीआई पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा में गेहूं, धान और चावल की खरीद का कार्य छोड़ दे। वरिष्ठ सांसद और पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री शांता कुमार की अध्यक्षता...
More »SEARCH RESULT
स्वच्छ भारत अभियान को मिलेगा विश्व बैंक का साथ, दे सकता है एक अरब डॉलर की मदद
नयी दिल्ली : विश्वबैंक सरकार के स्वच्छ भारत अभियान में एक अरब डालर दे सकता है. विश्वबैंक के भारत में क्षेत्रीय प्रमुख ओनो रुल ने कहा कि विश्वबैंक इस अभियान के लिये बडी राशि देने पर विचार कर रहा है. उन्होंने कहा, सरकार से उच्चस्तर पर हमसे इसे तेजी से इसे तैयार करने को कहा गया है. हमारी टीम दिन-रात इस पर काम कर रही है. रुल ने निजी टेलीविजन चैनल...
More »समाज और राजनीति के रिश्तों का संधान- अभय कुमार दुबे
राजनीतिशास्त्र के सर्वश्रेष्ठ विद्वान रजनी कोठारी के जीवन और कृतित्व के बारे में जाने बिना भारतीय राजनीति और समाज के आपसी रिश्तों के बारे जानना नामुमकिन है. इस लिहाज से उनका विमर्श भारतीय राजनीति की एक पूरी किताब की तरह है, जिसे पढ़ना हर समझदार व्यक्ति के लिए अनिवार्य है. 1969 में प्रकाशित अपनी सबसे मशहूर रचना ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया' में उन्होंने दावा किया था कि भारतीय समाज के संदर्भ...
More »बिहार को इ-गवर्नेस के लिए मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार
पटना: इ-गवर्नेस के लिए बिहार के ग्रामीण विकास विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पुरस्कार मिला है. साथ ही दो लाख का नकद पुरस्कार देने की भी घोषणा की गयी है. यह अवार्ड वर्ष 2013-14 के लिए दिया गया है. यह पुरस्कार 30 व 31 जनवरी को गांधीनगर में आयोजित समारोह में दिया जायेगा. केंद्र ने बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की गयी नयी पहल की प्रशंसा करते हुए...
More »खर्च घटाकर विकास- परंजय गुहाठाकुरता
लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल कर नरेंद्र मोदी सरकार जब सत्ता में आई, तो लोगों को काफी उम्मीदें थीं। नरेंद्र मोदी ने लोगों से प्रभावी शासन का वायदा किया था, लेकिन सात महीने के शासन के बाद भी सरकार के कई मंत्रालयों की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। अगर सरकार के मिड ईयर इकोनोमिक एनलिसिस को देखें, तो पता चलता है कि कई...
More »