जनसत्ता 12 अप्रैल, 2013: हालांकि यूपीए सरकार की मंशा थी कि बजट सत्र में ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद से पास करा लिया जाए, पर ऐसा नहीं हो पाया। संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने से संशोधित विधेयक अब तक पेश नहीं हो सका है। अब इस विधेयक के बजट सत्र के अंतराल के बाद पेश होने की उम्मीद है। वास्तव में यह विधेयक यूपीए के 2009 के उस...
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होमियोपैथी की महत्ता को पहचानिए ।। डॉ एके अरुण ।।
प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को दुनिया भर में ‘विश्व होमियोपैथी दिवस\' के रूप में याद किया जाता है. इस बहाने होमियोपैथी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा जरूरी है. यों तो शुरू से ही आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी का होमियोपैथी के प्रति तंग नजरिया रहा है. एक सहज एवं सस्ती चिकित्सा प्रणाली होते हुए भी होमियोपैथी को कभी महत्वपूर्ण या प्रमुख चिकित्सा पद्धति नहीं माना गया. लेकिन इस दो शताब्दी में...
More »राज्य के 66 फीसद बच्चे कुपोषण के शिकार
पटना: राज्य के 66 फीसद बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। जीरो से पांच साल के बच्चों की हाल तो और खराब है। पांच वर्ष से कम उम्र के 80 प्रतिशत बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। इसका असर उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास पर पड़ रहा है। ये बातें सोमवार को प्लान इंडिया एवं निदान के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान में आयोजित सेमिनार में विशेषज्ञ मनीष...
More »खाद्य सुरक्षा बिल- कुछ बुनियादी बातें
संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...
More »आधार कार्ड यानी धोखे का आधार - सचिन कुमार जैन
आधार यानी विशेष पहचान के आधार को समझिए। लोगों को पहचान देने के नाम शुरू हुआ प्रयास महज 3 साल में ही लोगों के लिए विकास से बहिष्कार और योजनाओं से बेदखली का कारण बनने लगा। इसका मकसद सरकार के गरीबों पर किए जाने वाले खर्च को कम करना बन गया है और दूसरा मकसद है समुदाय को नकद धन देना ताकि वे बाज़ार को फायदे रोशन करें। जनवरी 2009...
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