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कोर्ट ने सरकार से पूछा : शिक्षकों के 1000 पद रिक्त क्यों

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग से एक जनहित याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य के स्कूलों में शिक्षकों के 1000 से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं. उच्च न्यायालय कल उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था जो कोंकण संभाग के कॉन्स्टीटुएन्सी ऑफ टीचर्स से विधान परिषद सदस्य ने दायर की है. याचिका में सरकार से मान्यता...

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हर बच्चे का बस एक ही दर्द, अब यहां से कोई नहीं जा पाएगा स्कूल..!- रवीश कुमार झा

पंचकूला. शिक्षा विभाग ने हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त न होने के कारण जिले के 18 प्राइवेट स्कूलों को बंद कर दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच के दौरान ये स्कूल बोर्ड की मान्यता के लिए निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरे थे। हालांकि विभाग की जांच में 28 स्कूलों को बोर्ड की मान्यता के अनुकूल नहीं पाया गया था, जिन्हें...

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अब विशेष राज्य के दर्जे की राह हुई आसान

पटना: बिहार के लिए  विशेष राज्य का दर्जा बहुत मायने रखता है.  डॉ रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट में बिहार फिट बैठता है. रिपोर्ट के आधार पर हम मानते हैं कि बिहार को विशेष राज्य जैसी सुविधा मिल जायेगी. हालांकि, यह और भी उचित होता कि मानक तय करने में प्रति व्यक्ति आय को आधार माना जाता. लेकिन , कमेटी  की राय प्रति व्यक्ति उपभोग के आधार पर बनी है. मैंने अपनी ओर...

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विदेश में इलाज का मर्ज- मृणालिनी शर्मा

जनसत्ता 26 सितंबर, 2013 : भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में चुपके से एक फैसला लिया है, जिसके अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा और वन सेवा जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के लगभग पांच हजार कर्मचारी अपने इलाज के लिए विदेश जा सकते हैं। विदेश जाने का हवाई किराया और वहां दो महीने तक रहने का खर्च भी सरकार उठाएगी। दो महीने की यह अवधि अगर जरूरी...

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शिक्षा केंद्र, बुद्धिजीवी और सत्ता- आनंद कुमार

जनसत्ता 25 सितंबर, 2013 : किसी भी लोकतांत्रिक समाज में सरकार और शिक्षा केंद्रों के बीच का संबंध हमेशा एक सृजनशील तनाव से निर्मित होता है। सरकार की तरफ से शायद ही कभी ऐसा प्रयास हो, जिसमें शिक्षा केंद्रों को अधिकतम स्वायत्तता मिलती है, क्योंकि सरकार शिक्षा केंद्रों में चल रहे ज्ञान-मंथन, तथ्य-विश्लेषण और विद्वानों की स्वतंत्र शोध-क्षमता से सशंकित रहती है। सरकार का काम हमेशा कुछ आधा और कुछ पूरा-...

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