संयुक्त राष्ट्र ने कल मुझे ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड' से सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करके मैं बहुत अभिभूत हूं। मैं महसूस करता हूं कि यह पुरस्कार किसी व्यक्ति के लिए नहीं है। यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों की स्वीकृति है, जिसने हमेशा प्रकृति के साथ सौहार्द बनाने पर बल दिया है। जलवायु परिवर्तन में भारत की सक्रिय भूमिका को मान्यता मिलना और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस व संयुक्त...
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बेमानी होंगी अधिक उम्मीदें-- टीएम थॉमस आईजैक
बीते 23 सितंबर को प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) की शुरुआत की गयी, जिसे कई लोगों ने विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बताया है. पिछली बीमा योजनाओं से प्राप्त अनुभवों एवं इस योजना को लेकर उपजे भ्रमों की वजह से अभी इससे ज्यादा उम्मीदें करना गैरजरूरी है. यह योजना इस सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में लागू की गयी है, जब...
More »भूख से मौत और उसके बाद-- ज्यां द्रेज
सिमडेगा जिले की संतोषी कुमारी की भूख से मौत के बाद आज बारह महीने बीत चुके हैं. इन बारह महीनों में झारखंड में भूख से मौतों की कम-से-कम पंद्रह और खबरें आयीं हैं. शायद किसी राजनीतिक दल या अतिसक्रिय पत्रकार की कृपा से इन पंद्रह घटनाओं में से एक या दो अतिरंजित हुई होंगी, लेकिन इनमें अधिकतर ऐसी घटनाएं हैं, जिनकी जांच ध्यान से की गयी है और उन्हें सही...
More »तेजी से घटी है गरीबी मगर भारत में गरीबों की तादाद अब भी सबसे ज्यादा- एमपीआई रिपोर्ट
एक दशक के भीतर भारत में गरीबों की संख्या घटकर आधी रह गई है लेकिन अब भी दुनिया के गरीब लोगों की सबसे बड़ी तादाद भारत में मौजूद है. ये निष्कर्ष है हाल ही में जारी साल 2018 के ग्लोबल मल्टीडायमेंशनल पावर्टी इंडेक्स(एमपीआई) रिपोर्ट का. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2005/6 से 2015/16 के बीच भारत में गरीबी की दर 55 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गई है. एक दशक...
More »मनरेगा: चार सालों में रोजगार देने में त्रिपुरा सबसे अव्वल, यूपी-बिहार बहुत पीछे
यूपी-बिहार और पंजाब-हरियाणा जैसे कई राज्यों को मनरेगा के कारगर क्रियान्वयन के मामले में त्रिपुरा से सबक लेने की जरुरत है. त्रिपुरा में बीते चार सालों (2014-15 से 2017-18) में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण मजदूरों को औसतन लगभग 75 दिनों का रोजगार मिला जबकि इस अवधि में योजना के अंतर्गत रोजगार का अखिल भारतीय औसत महज 45.2 दिनों का रहा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) की सालाना रिपोर्ट के नये आंकड़े संकेत करते...
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