झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
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मुद्दा: गरीब की नई परिभाषा
गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
More »सिटिजन चार्टर ही काफी नहीं
हाल ही में हरियाणा के गुड़गांव नगर निगम ने अपने यहा सिटिजन चार्टर लागू किया है। माना जा रहा है कि यह कार्य राज्य के मुख्यमत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा के निर्देश पर किया गया है। इसके पहले हरियाणा में कुछ दूसरी जगहों पर भी इसे लागू किया जा चुका है। चर्चा यह है कि इसे पूरे हरियाणा में लागू किए जाने के प्रयास चल रहे हैं। इसके पूर्व दिल्ली...
More »खंडवा में कुपोषण के शिकार बच्चों की हालत खराब
जागरण ब्यूरो, भोपाल। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में कुपोषण के शिकार बच्चों का बुरा हाल है। शनिवार रात एक बच्ची की मौत के बाद से सरकारी मशीनरी सकते में है और बच्ची की मौत की वजह किसी और बीमारी को बता रही है। जिले में कुपोषण के शिकार लगभग नब्बे बच्चों का इलाज किया जा रहा है। खंडवा के बाल शक्ति केंद्र में इलाज करा रही खालवा क्षेत्र के...
More »अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...
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