SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1863

पर्यावरण रक्षक खेती है बारहनाजा - बाबा मायाराम

इन दिनों दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा है। खेती-किसानी की चर्चा चल रही है। इस समय तीन नए कृषि कानून व न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा खेती के व्यापक पहलुओं पर भी बात करना भी जरूरी है। मिट्टी- पानी, जैव विविधता व पर्यावरण रक्षक खेती की चर्चा भी जरूरी है। इनमें से एक है उत्तराखंड की पारंपरिक कृषि पद्धति है, जो मिट्टी-पानी व जैव विविधता का संरक्षण करते हुए...

More »

आवरण कथा/ महिला किसान : खेत-खलिहान की गुमनाम बेटियां

-आउटलुक, “‘किसान’ की आम छवि में नदारद, अर्थशास्त्रियों की गणना से बाहर, जमीन के कागजात में गैर-मौजूद हमारी खेती-किसानी की अदृश्य आधी आबादी पर किसान आंदोलन से पड़ी रोशनी” यह भारत का एक बेहद शर्मनाक रहस्य है। भारत का ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व का। जिस 'औपचारिक' अर्थव्यवस्था की हम अक्सर चर्चा करते हैं, जहां लोग परिश्रम करते हैं और उनके परिश्रम के फल को आंकड़ों और ग्राफ में दर्शाया जाता है,...

More »

जलवायु संकट पर बात करनी होगी, वरना गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहिए

लंदन स्थित एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनक्रिश्चियन एड की एक हालिया रिपोर्ट का कहना है कि 2020 में दुनिया पर सिर्फ COVID-19 महामारी की मार ही नहीं पड़ी थी, बल्कि वास्तव में उसे जलवायु संकट के तीव्रीकरण के कारण जीवन और आजीविका के बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना भी करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में आग, चीन, भारत और जापान में बाढ़, यूरोप और अमेरिका में तूफान...

More »

जलवायु परिवर्तन के अनुकूल रहने के लिए विकासशील देशों को हर साल चाहिए 5 लाख करोड़ रुपए

-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल रहने के लिए विकासशील देशों को हर साल 512,138 करोड़ रुपए की जरुरत है। यदि जलवायु में बदलाव इसी तरह जारी रहता है तो यह जरुरत 2030 तक बढ़कर 21,94,875 करोड़ रुपए (30,000 करोड़ डॉलर) और 2050 तक 36,58,125 करोड़ रुपए (50,000 करोड़ डॉलर) पर पहुंच जाएगी। यह जानकारी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी यूनेप अडॉप्टेशन गैप रिपोर्ट 2020 में सामने आई...

More »

जलवायु परिवर्तन: क्या अमेरिका का पेरिस डील से जुड़ना पर्याप्त होगा?

-न्यूजलॉन्ड्री, डोनाल्ड ट्रम्प की हार के बाद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मुहिम चला रहे संगठनों को आशा है कि अमेरिका एक बार फिर से पेरिस क्लाइमेट डील में शामिल हुआ तो धरती को बचाने की मुहिम तेज़ होगी. ट्रम्प ने 2016 में व्हाइट हाउस में दाखिल होने के साथ ही पेरिस डील से किनारा कर लिया था. उनके मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन कुछ नहीं बस भारत और चीन जैसे...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close