जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...
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वे जो आत्महत्या करते हैं..!
गैर-शादीशुदा लोगों में आत्महत्या की प्रवृति विवाहितों की तुलना में ज्यादा होती है - प्रसिद्ध किताब ‘स्यूसाइड’ में एमिल दुर्खाईम का एक निष्कर्ष यह भी था। आत्महत्या का आधार सामाजिक स्थितियों में देखने वाले दुर्खाइम के इस कथन से उनके हमवतन अल्बेयर कामू शायद ही सहमत हों। कामू आत्महत्या को एक “अबूझ दार्शनिक पहेली ” मानते थे। लेकिन बात नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के एक्सीडेंटल डेथ्स एंड स्यूसाइड इन इंडिया नामक...
More »म्यांमार के जियावडी गांव में बसता है ‘बिहार’
म्यांमार और भारत के रिश्ते सदियों पुराने हैं। लेकिन कम लोगों को ही पता होगा कि म्यांमार में भी एक ‘बिहार' बसता है। म्यांमार के बगो प्रांत का जियावडी गांव सवा सौ साल पहले धोखा देकर बिहार से लाए गए गिरमिटिया अर्थात अनुबंधित मजदूरों के वंशजों से आबाद है। ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेजों ने बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को दुनिया के अनेक देशों में गिरमिटिया के...
More »50 हजार से अधिक गाँव के मास्टर प्लान बनाने वाला मप्र पहला राज्य
भोपाल । विकेन्द्रीकृत नियोजन की अवधारणा को अमल में लाते हुए प्रदेश के सभी 50 हजार 982 गाँव के मास्टर प्लान बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इस कार्य के लिये मध्यप्रदेश विधानसभा में संकल्प पारित किया गया था। मास्टर प्लान को क्रियान्वित करने के लिये राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये हैं। उनसे 2015-16 की जिला योजना तैयार करने को भी कहा गया है।...
More »स्वास्थ्य केंद्रों में 85 प्रतिशत तक दवा की कमी
रांची : झारखंड की प्रधान महालेखाकार (पीएजी) मृदुला सप्रु ने बताया कि राज्य सरकार इंदिरा आवास योजना में केंद्र से 256.42 करोड़ रुपये नहीं ले सकी. राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 26 से 85 फीसदी तक दवा की कमी है. एएनएम और नर्से गांवों में ऐसी दवाएं बांट रही हैं, जिन्हें बांटने का उन्हें कानूनी अधिकार नहीं है. इस दवाओं से मरीजों की जिंदगी पर खतरा हो सकता है....
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