अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
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मध्यस्थों और सरकार पर अन्ना ने साधा निशाना, कहा-अनशन तोड़ना मेरा अपना फैसला
मुम्बई. गांधीवादी और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अब सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के माध्यम से अपने समर्थकों से रूबरू होंगे। गांधीवादी ने गुरुवार को जहां अपने नाम से एक ब्लॉग की शुरुआत की वहीं वह फेसबुक और ट्विटर से भी जुड़े। गांधीवादी के इस ब्लॉग का नाम 'अन्ना हजारे सेज' दिया गया है जो अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में उपलब्ध होगा और इसे 'अन्ना हजारेसेज डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम' पर देखा...
More »दुख और संघर्षो का बोझ : हर्ष मंदर
पुणे की यरवदा जेल का बैरक नंबर तीन। सूरज की पहली किरणों इसके उदास अंदरूनी अहातों तक पहुंचें, इससे भी पहले एक महिला उठकर काम में जुट गई है। यह उसकी दिनचर्या का एक हिस्सा है। बैरक की ठंडी फर्श पर अब भी 52 महिला बंदी अलसभोर की गहरी नींद में डूबी हुई हैं। सभी के बदन पर हरी साड़ियां हैं, जिनका रंग अब फीका पड़ता जा रहा है। बंदिनियों की यही...
More »छोटी-सी गुड़िया की लंबी कहानी : हर्ष मंदर
हॉलैंड का एक गांव। गिरजे की खिड़कियों से छनकर आ रही दोपहर की नर्म धूप में हम प्रेम के एक चमत्कार के साक्षी हुए। इस कहानी की शुरुआत 24 साल पहले कराची के एक यतीमखाने से होती है। एक परित्यक्त बच्ची सड़क पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी, जिसे यतीमखाने के कर्मचारी अपने यहां ले आए थे। यतीमखाने को एक समृद्ध और दयालु डच महिला संचालित करती थी। उन्होंने...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
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