-डाउन टू अर्थ, नीति आयोग की दो वर्ष पूर्व चेतावनी को यदि याद रखें तो इसी वर्ष यानी 2020 में देश के प्रमुख 21 शहरों में भू-जल खत्म हो सकता है। इन्हीं दो वर्षों में नीति आयोग ने तत्काल और मजबूत जल संसाधनों की जरूरत को भी बताया था। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूबी) ने देश के 256 जलसंकट वाले जिलों की पहचान की और बताया कि...
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डब्लूएचओ : गर्मी में भी ख़त्म नहीं होगा कोरोना वायरस
-सत्यहिंदी, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि गर्मी के मौसम में ऊंचे तापमान में कोरोना वायरस की क्षमता कम हो जाएगी, पर वे जिंदा बचे रहेंगे और सर्दियों में फिर सक्रिय हो जाएंगे। यह भारत जैसे गर्म प्रदेशों के लिए अधिक चिंता की बात है। अब तक यह माना जा रहा था कि गर्मी शुरु होते ही कोरोना संक्रमण ख़त्म हो जाएगा और भारत जैसे देशों को राहत मिलेगी। पर डब्लूएचओ...
More »दिल्लीः दंगे के बाद पहली बार तबाह लोगों ने खुलकर सुनायी आपबीती, दहलाने वाली गवाहियां
-मीडियाविजिल, हाजी अजमेरी मलिक कुछ सप्ताह पहले तक जूते के शो रूम के मालिक हुआ करते थे. नार्थ-ईस्ट दिल्ली के बृजपुरी इलाके के बाजार में वो इकलौते मुस्लिम व्यापारी हुआ करते थे. जब वे शो रूम के लिए जमीन खरीद रहे थे तब कई लोगों ने उन्हें सलाह दी कि वे हिंदुओं के इलाके में जमीन न लें. हाजी अजमेरी मलिक का जवाब होता कि उन्हें मुसलमानों से ज्यादा भरोसा अपने...
More »भारत में बीटी कॉटन पर किसान कर रहे ज्यादा खर्च : अमेरिकी अनुसंधानकर्ता
-आउटलुक, अमेरिकी अनुसंधानकर्ता का कहना है कि भारतीय किसान जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) बीटी कॉटन के लिए बीज, उर्वरकों और कीटनाशकों पर ज्यादा पैसे खर्च कर रहे हैं जो चिंताजनक है। अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ता ग्लेन डेविस स्टोन ने कहा कि भारत में अब किसान बीज, उर्वरक और कीटनाशक पर अधिक खर्च कर रहे हैं। स्टोन ने कहा कि हमारा निष्कर्ष है कि बीटी कॉटन का प्राथमिक प्रभाव यह होगा कि...
More »अंधविश्वास के दौर में श्मशान की सैर
-द वायर, बच्चों के स्कूल की पिकनिक या उनकी सैर किसी ऐतिहासिक स्थान पर या किसी हिल स्टेशन पर या समुद्र किनारे किसी मशहूर जगह पर जाती रहती है, इस बात से हरेक वाकिफ है, लेकिन अगर कोई स्कूल अपने बच्चों को श्मशान भूमि की सैर कराए तो आप क्या कहेंगे? दरअसल पिछले दिनों सूबा महाराष्ट्र के सोलापुर जिले का एक छोटा स्कूल इसी वजह से अख़बारों की सुर्खियां बना, जब पता...
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