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अब विशेष राज्य के दर्जे की राह हुई आसान

पटना: बिहार के लिए  विशेष राज्य का दर्जा बहुत मायने रखता है.  डॉ रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट में बिहार फिट बैठता है. रिपोर्ट के आधार पर हम मानते हैं कि बिहार को विशेष राज्य जैसी सुविधा मिल जायेगी. हालांकि, यह और भी उचित होता कि मानक तय करने में प्रति व्यक्ति आय को आधार माना जाता. लेकिन , कमेटी  की राय प्रति व्यक्ति उपभोग के आधार पर बनी है. मैंने अपनी ओर...

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देश के 20% घरों में अनाज का दाना नहीं : प्रो द्रेज

पटना: अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि बिहार भूख व मिस गवर्नेस की राजधानी है. यहां भूख व असुरक्षा की स्थिति सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ व ओड़िशा की स्थिति इतनी बुरी नहीं है. पेंशन योजनाओं के मामले में भी बिहार की हालत दयनीय है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बिहार को बड़ा अवसर मिला है. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में ‘फूड सिक्युरिटी बिल एंड...

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‘ऐसे कानून के लिए हम विकास दर बढ़ने का इंतजार करते रहें, यह जरूरी तो नहीं’

खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अलग-अलग खेमों से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. सामाजिक कार्यकर्ता इसकी तारीफ कर रहे हैं तो कॉरपोरेट जगत इस पर चिंतित है. अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज, रेवती लॉल को बता रहे हैं कि क्यों देश को इस कानून की जरूरत है और इसमें कौन-सी खामियां हैं जो दूर होनी चाहिए. खाद्य सुरक्षा विधेयक ने तमाम आशंकाएं पैदा कर दी हैं. पहली आशंका यह है कि देश के...

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यह गरीबी खत्म करने की रेखा नहीं- मिहिर शाह(योजना आयोग के सदस्य)

 गरीबी के बारे में योजना आयोग के नवीनतम आकलन पर बड़ी चीख-पुकार मची। यह हाय-तौबा जितनी तेज थी, समझ और विवेक उसी अनुपात में कम। सबसे निंदनीय थे वे राजनेता, जिन्होंने आम आदमी को चोट पहुंचाने वाली बातें कहीं। जरूरी यह है कि हम ये समझने का प्रयास करें कि सुरेश तेंदुलकर की गरीबी रेखा वास्तव में क्या बताती है? सुरेश तेंदुलकर देश के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक थे। उन्हीं...

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खाद्य या यूपीए-सुरक्षा बिल!- प्रमोद जोशी

जिस विधेयक को लेकर राजनीति में ज्वालामुखी फूट रहे थे, वह खुशबू के झोंके सा निकल गया. पक्षियों-विपक्षियों में उसे गले लगाने की ऐसी होड़ लगी, जैसे अपना बच्चा हो. आलोचना भी की तो जुबान दबा कर. यों भी उसे पास होना था, पर जिस अंदाज में हुआ उससे कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा. जब संसद के मॉनसून सत्र के पहले सरकार अध्यादेश लायी तो वृंदा करात ने कहा था,...

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