वर्ष 1871 में औपनिवेशिक भारत में ब्रिटिश सरकार ने भारत की कुछ खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश जनजातियों को आपराधिक जनजाति अधिनियम (क्रिमिनल ट्राइबल एक्ट) पारित करके जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया। मुख्यधारा के समाजों से दूर रहने वाली इन जनजातियों को पुश्तैनी रूप से अपराधी मानते हुए उन्हें गैर-जमानती अपराध के दायरे में ला दिया गया। इन जनजातीय समुदायों में थे बावरिया, पारधी, कंजर, सांसी, बंजारा, गरासिया, सहरिया आदि। ये...
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झाबुआ में 17 महीने की बच्ची का वजन 4.5 किलो, होना चाहिए 11 किलो
अहद खान, झाबुआ। ग्राम खेड़ा की 17 महीने की वर्षा को भर्ती जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। उसका वजन सिर्फ साढ़े 4 किलोग्राम है। वो अति कुपोषित बच्चों की श्रेणी में है। सामान्यत: इस उम्र में बच्चे का वजन 11 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए। आश्चर्य की बात ये है कि इस उम्र तक आने तक महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले की नजर उस पर नहीं पड़ी।...
More »शौचालय की टंकी साफ करने गये, दम घुटने से एक परिवार के चार लोगों की मौत
सीतामढ़ी : सहियारा थाने के बेलाही खुर्द गांव बीन टोले में रविवार की सुबह शौचालय की टंकी साफ करने के दौरान दम घुटने से एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गयी. मृतकों में बेलाही खुर्द वार्ड एक बीन टोला निवासी बुधाई दास उर्फ प्रकाश दास के पुत्र मुकेश दास (35 वर्ष), उसका भाई संतोष दास (18 वर्ष), चचेरा भाई लक्ष्मण दास (40 वर्ष) व रामा शंकर दास...
More »एनपीपीए ने 39 और दवाओं की घटायी कीमतें, 10 से 30 फीसदी तक होंगी सस्ती
नयी दिल्ली : दवा मूल्य नियामक एनपीपीए ने बुधवार को कहा कि उसने 39 और दवा फार्मुलेशन का अधिकतम मूल्य तय कर दिया है. जिन दवाओं की अधिकतम कीमत तय की गयी है, उनमें कैंसर, टीबी, मलेरिया व हेपेटाइटिस- बी के इलाज में काम आने वाली दवा भी शामिल है. राष्ट्रीय औषध मूल्य प्राधिकार (एनपीपीए) ने कहा है कि 18 अनुसूचित फार्मुलेशंस की अधिकतम कीमत तय की गयी है, जबकि...
More »हिमालय की पीर -- जयसिंह रावत
हिमालय आकार में जितना विराट है, अपनी विशेषताओं के कारण उतना ही अद्भुत भी। कल्पना करें कि अगर हिमालय न होता तो दुनिया और खासकर एशिया का राजनीतिक भूगोल क्या होता? एशिया का ऋतुचक्र क्या होता? किस तरह की जनसांख्यकी होती और किस तरह के शासनतंत्रों में बंधे कितने देश होते? विश्वविजय के जुनून में दुनिया के आक्रांता भारत को किस कदर रौंदते? न गंगा होती, न सिंधु होती और...
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