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पुलिस सुधार का नजरिया -विकास नारायण राय

हर वर्ष पुलिस स्मृति दिवस (इक्कीस अक्तूबर) पर विभिन्न पुलिसबलों के सैकड़ों शहीद याद किए जाते हैं। एक ओर कर्तव्य-वेदी पर प्राणों की आहुति की वार्षिक रस्म-अदायगी देश की तमाम पुलिस यूनिटों में हो रही होती है और दूसरी ओर पुलिस की छवि को लेकर भारतीय समाज में मिश्रित कुंठाएं भी ज्यों की त्यों बनी रहती हैं। पुलिस की पेशेवर क्षमता को लेकर जन-मानस में धारणा रही है, बेशक अतिरेकी,...

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राष्ट्रीय ई-पंचायत पुरस्कार के लिए फिर छत्तीसगढ़ का चयन

रायपुर (ब्यूरो)। राष्ट्रीय ई-पंचायत पुरस्कार लिए केन्द्र सरकार ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ का चयन किया है। पंचायतों के कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर ई-प्रशासन (ई-गवर्नेन्स ) को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ई-पंचायत पुरस्कार शुरू किया गया है। छत्तीसगढ़ को वर्ष 2014 के लिए 30 लाख स्र्पए का द्वितीय पुरस्कार मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए पंचायत एवं...

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‘इंस्पेक्टर राज’ खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री ने श्रम सुधार कार्यक्रम किया पेश

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘इंस्पेक्टर राज' व्यवस्था को समाप्त करने के उपायों समेत आज अनेक श्रम सुधार कार्यक्रम पेश किए और कहा कि ‘मेक इन इंडिया' अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कारोबार के अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है। मोदी ने ‘‘श्रमेव जयते'' कार्यक्रम के तहत कई योजनाएं पेश कीं जिनमें कर्मचारी भविष्य निधि के लिए यूनिवर्सल एकाउंट नंबर के जरिये पोर्टेबिलिटी, श्रम मंत्रालय के साथ कामकाज में...

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मप्र के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, बालश्रम-बंधुआ मजदूरी के भी शिकायतें मिली हैं : आयोग (?

भोपाल। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने मप्र के स्कूलों की स्थिति पर नाराजगी जताई है। साथ ही उन्होंने मप्र में आयोग के अध्यक्ष पद के खाली होने पर भी सवाल खड़े किए। वे शुक्रवार को प्रशासन अकादमी में प्रेस को संबोधित कर रहे थे। बालाकृष्ण ने मप्र मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद के खाली होने पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने...

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जो कहा, उसका उल्टा कर रहे हैं- देविन्दर शर्मा

आपने इस पर जरूर ध्यान दिया होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के पहले सौ दिन का कामकाज एक बड़ी व्यावसायिक घटना में तब्दील हो गया। संभवतः यह पहला मौका है, जब बड़े मीडिया घरानों ने देशव्यापी सर्वे के लिए मार्केटिंग एजेंसियों को नियुक्त किया। सर्वे के परिणाम अखबारों के पहले पन्ने और टीवी चैनलों पर न केवल प्रकाशित-प्रसारित किए गए, बल्कि पूरे दिन सर्वे रिपोर्टों पर चर्चा...

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