400 की तादाद में मुख्य वैज्ञानिक अध्ययनों पर आधारित यूएन की हालिया पर्यावरण रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन का खतरा पहले के अनुमानों से कहीं अधिक है।यूएनईपी क्लाइमेट चेंज साईंस कंपेडियम 2009 की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि समुद्र तल साल 2100 तक 2 मीटर ऊँचा उठ सकता है।(देखें संबंधित रिपोर्ट की नीचे दी गई लिंक)। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लेशियर, हिमाच्छादन और ध्रवीय प्रदेशों का नाश अनुमान से...
More »SEARCH RESULT
ग्लोबल वार्मिंग की एक रिपोर्ट पर विचारों का महाभारत
यूएनएफपीए की एक रिपोर्ट द स्टेट ऑव वर्ल्ड पॉपुलेशन 2009 के जारी होने के साथ ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर विचारों की टकराहट अपने चरम पर जा पहुंची है(रिपोर्ट की लिंक नीचे दी गई है) केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस रिपोर्ट को नई दिल्ली में जारी किया। वे इस बात से सहमत दिखे कि जलवायु परिवर्तन का बोझ महिलाओं पर पुरूषों की तुलना में कहीं ज्यादा पड़ेगा...
More »हिंडन नदी में न प्राण बचे और न प्राणी
नोएडा। हिंडन नदी मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद से गुजरते हुए गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा के पास तीलवाड़ा गाव से एक किलोमीटर आगे यमुना में समा जाती है। इसमें उद्योगों का केमिकल कचरा गिरने से इसका पानी जहर बन चुका है। इतना ही नदी में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य के बराबर हो जाने से मछलियों और जीव जंतुओं का अस्तित्व भी समाप्त हो चुका है। यमुना की सहायक नदी...
More »कोपनहेगन से अमीर मुल्कों को ही आस कम
नई दिल्ली, [प्रणय उपाध्याय]। जलवायु परिवर्तन पर फिक्रमंद दुनिया के अमीर मुल्कों के नेता कुछ नतीजा दे पाएंगे इस पर उनकी अपनी ही जनता को भरोसा कम है। हालाकि भारत, ब्राजील और चीन जैसे विकासशील देशों के लोगों ने धरती की तपन कम करने के उपाय खोजने के लिए हो रही इस बातचीत को लेकर अब भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। जलवायु परिवर्तन से मुकाबले की तैयारियों को...
More »जलवायु बिगाड़ा, कीमत चुकाओ
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जारी कूटनीति के बीच विकासशील देशों को एक बड़ा सहारा मिला है. विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि अब भी धरती के जलवायु को बचाना मुमकिन है, लेकिन धनी देशों को इसकी बड़ी जिम्मेदारी उठानी होगी. दिसंबर में डेनमार्क के शहर कोपेनहेगन में जलवायु परिवर्तन पर होनेवाले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से पहले जारी इस रिपोर्ट में विश्व बैंक ने धनी देशों...
More »