सरकार की आर्थिक दृष्टि औद्योगिक गलियारों, राजमार्गों, बुलेट ट्रेनों और स्मार्ट शहरों तक ही सीमित है. भारत को इनकी जरूरत है, लेकिन सरकार एकतरफा ढंग से उस भारत को छोड़ इन लक्ष्यों के पीछे नहीं भाग सकती है जहां आत्महत्याओं की संख्या और लोगों की तकलीफें बेतहाशा बढ़ रही हैं. भाजपा को याद करना चाहिए कि सर्वाधिक 18,241 आत्महत्याएं 2004 में हुई थीं, जब पार्टी ‘शाइनिंग इंडिया' की बात करती...
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बात निकली है तो दूर तलक जाएगी - भवदीप कांग
गजेंद्र सिंह की मौत का राजनीतिकरण इस पूरे प्रकरण का सबसे दु:खद पहलू था। हो सकता है उसकी आत्महत्या 'जेनुइन" हो। यह भी हो सकता है, जैसा दिल्ली पुलिस का मानना है कि उसकी आत्महत्या महज एक दुर्घटना हो, एक नाटकीय प्रसंग। लेकिन गजेंद्र की मौत इन मायनों में अपने लक्ष्य को अर्जित करने में जरूर कामयाब रही कि उसने किसानों की दुर्गति की ओर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट...
More »क्यों खुदकुशी कर रहे हैं किसान- विनय सुल्तान
सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...
More »अदूरदर्शी नीतियों से बदहाल किसान - रमेश दुबे
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर पर आयोजित रैली के दौरान एक किसान की खुदकुशी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि खेती-किसानी की बदहाली पर संजीदा होने के बजाय सभी पार्टियां सियासी रोटी सेंकने में जुट गई हैं। जहां 'आप" दिल्ली पुलिस के बहाने केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है, वहीं कुछ भाजपा विरोधी कह रहे हैं कि यदि राजस्थान...
More »फसल बीमा दावे का निपटारा 45 दिन में होगा- अरविन्द सिंह
केंद्र सरकार ने बीमा कंपनियों को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि में बर्बाद हुई फसलों के बीमा दावे का निपटारा 45 दिन में करने का निर्देश दिया है, जिससे किसानों को जल्द राहत पहुंचाई जा सके। लेकिन देश के 80 फीसदी किसान फसल बीमा योजना के दायरे से बाहर हैं। इसलिए उन्हें आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा। किसानों की इस दुर्दशा के लिए बीमा दावे के नियम व राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं। कृषि...
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