जलवायु परिवर्तन, भूख, कुपोषण, बढ़ती गरीबी, घटते संसाधन, ये सभी ऐसी समस्याएं हैं जिनसे आज सारी दुनिया जूझ रही है। अरबों रुपए इन समस्याओं के हल के लिए अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों पर खर्च किए जा चुके हैं। आगे भी किए जाएंगे। पर हल तब भी शायद ही निकले। तो क्या किया जाए? गांधी-विचारों में रची-बसी, स्वाश्रयी महिला सेवा संघ (सेवा), अमदाबाद की संस्थापक और गुजरात विद्यापीठ की चांसलर इला भट्ट के...
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विकास की परिभाषा में बच्चे कहां!-- अनुज लुगुन
हमारा समाज एक ऐसी दिशा की ओर बेलगाम अग्रसर होता जा रहा है, जहां सब कुछ या तो बहुसंख्यक के लिए ही हो रहा है, या आवाज उठा सकनेवालों के लिए ही हिस्सेदारी बच रही है. जो मूक हैं, या मासूम हैं, उनके लिए कुछ भी नहीं बच रहा है. आज प्रकृति-जीव और बच्चे सामूहिक संहार के शिकार हो रहे हैं, क्योंकि वे अपनी भाषा मनुष्यों को समझा नहीं सकते....
More »काले धन की जंग में फंस चुके जनधन खाते - अवधेश कुमार
नोटबंदी के बाद जनधन खाता काफी चर्चा में आया है। जो आंकड़े आए हैं, वे चकराने वाले हैं। नौ नवंबर तक इन खातों में जमाराशि थी- 45 हजार, 627 करोड, जो 30 नवंबर को 74 हजार, 322 करोड़ हो गई। जिस खाते में एक पैसा नहीं था या चंद रुपये थे, ऐसे अनेक खातों में 49 हजार रुपये जमा हो गए। 50 हजार या उससे ऊपर जमा करने पर पैन...
More »2020 तक शहरी गरीबों को मिलेगा पक्का मकान
रांची : केंद्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीब उपशमन मंत्री वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में सहयोग की अपील की है. योजना के तहत शहरी क्षेत्र में रहनेवाले गरीबों को पक्के मकान उपलब्ध कराये जाने हैं. श्री नायडू ने लिखा है कि झारखंड सरकार मदद करेगी, तो वर्ष 2019-20 तक राज्य में रहनेवाले सभी शहरी गरीबों को योजना के...
More »बड़ी बेटी का अंतिम संस्कार कर घर लौटा पिता, तो छोटी बेटी भी मृत मिली
मलेरिया से आदिम जनजाति के तीन बच्चों की मौत रंका(गढ़वा) : गढ़वा के रंका प्रखंड के कटरा गांव में शनिवार की शाम मलेरिया से आदिम जनजाति के तीन बच्चों की मौत हो गयी़ जबकि छह बच्चे बीमार है़ं मृत बच्चों में देवनारायण कोरवा की दो पुत्री गीता कुमारी (11,मनीता कुमारी (6) व राजकुमार कोरवा के पुत्र नितिश कोरवा(डेढ़ वर्ष) के नाम शामिल है़ं रविकिशन कोरवा(6), अर्जुन कोरवा(6), पिंकी कोरवा(6),...
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