सरकार अब राशन में खाद्यान्न की जगह नकद भुगतान करने जा रही है. इसका पायलट फेज दिल्ली की दो बस्तियों में प्रारंभ भी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को भी समाप्त करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने की साजिश तो वर्ष 1991 के बाद से ही शुरु हो...
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चावल निर्यात को हरी झंडी
नई दिल्ली। सरकार ने चावल के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया है। सोमवार को खाद्यान्न पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह [ईजीओएम] ने 10 लाख टन चावल के निर्यात को अनुमति दे दी। सूत्रों के मुताबिक गेहूं के निर्यात को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। हालांकि इसकी मात्रा को लेकर ईजीओएम की अगली बैठक में फैसला होगा। खाद्य वस्तुओं की बढ़ती महंगाई के चलते सरकार ने वर्ष...
More »सब्सिडी का अनोखा खेल-डॉ भरत झुनझुनवाला
वित्त मंत्री ने मन बनाया है कि लाभार्थी को सब्सिडी नगद रूप में दी जाए. वित्त मंत्री के मंतव्य का स्वागत किया जाना चाहिए. गरीब के नाम पर उच्चवर्ग और कंपनियों को पोषित करना उचित नहीं. हमारे धर्मग्रंथों में भी गरीब को नगद देने की बात कही गयी है. सरकार द्वारा डीजल, यूरिया, खाद्यान्न आदि पर सब्सिडी दी जा रही है. आम आदमी समझता है कि इससे उसे राहत मिल रही...
More »खाद्यान्नों के निर्यात पर जोर नहीं दे रहा कृषि मंत्रालय
नई दिल्ली। कृषि मंत्री शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि उनका मंत्रालय प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक के मद्देनजर खाद्यान्नों के निर्यात पर जोर नहीं दे रहा है। पवार का यह बयान ऐसे समय आया है जब खाद्य मंत्री के वी थामस ने कहा है कि उनका मंत्रालय खाद्यान्नों के रिकार्ड उत्पादन और भंडारण समस्या की वजह से गेहूं और चावल के सीमित मात्रा में निर्यात के खिलाफ नहीं है।...
More »फसली चक्र को मात देगी दालों की काश्त- के जी शर्मा
प्रदेश में गेहूं-धान के फसली चक्र को तोड़ने के लिए दालों की काश्त अहम भूमिका निभा रही है। किसानों का रुझान प्रतिदिन दालों की काश्त की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश में दालों की खेती के तहत 80 फीसदी के करीब रकबा बढ़ने की संभावना है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक दालों की बिजाई के लिए जुलाई के शुरुआती दिन फायदेमंद हैं। मांह दाल की किस्में मांह-114, मांह-1-1 व मांह-338 बीजना...
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