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डॉ. रमन सिंह ने कहा, नसबंदी मामले की होगी न्यायिक जांच

बिलासपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह विगत दो दिनों में आज दूसरी बार रायपुर से दोपहर हेलीकाप्टर द्वारा यहां पहुंचे। उन्होंने वहां अपोलो अस्पताल और छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में उन महिला मरीजों से मुलाकात की, जिन्हें जिले के ग्राम पेण्डारी (विकासखंड तखतपुर) और गौरेला के नसबंदी शिविरों में बीमार होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा उच्चस्तरीय इलाज के लिए अपोलो में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं के परिजनों से...

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क्या गरीब ऐसी ही मौत को अभिशप्त हैं?- रुचिर गर्ग

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के गृह जिले बिलासपुर के एक गांव में हुए नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद अब तक 12 महिलाओं की मौत हो चुकी है। बहुत-सी महिलाएं गंभीरावस्था में अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। खुद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मुख्य सचिव को साथ लेकर बिलासपुर पहुंचे और उन्होंने अस्पताल में भर्ती पीड़ितों का हाल जाना और दोषियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के आदेश दिए। इस घटना ने...

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डाक्टर साहब! यह हड़बड़ी जानलेवा है..

एक सर्जन, एक सहयोगी डाक्टर और छह घंटे में 83 महिलाओं की नसबंदी! मतलब पौने पाँच(4.33 मि.) मिनट से भी कम समय में एक महिला की नसबंदी की गई! नतीजा , ग्यारह महिलाओं की संक्रमण से मौत! यह मात्र डाक्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ जैसा कि छत्तीसगढ़ की सरकार कहती है(देखें समाचार) या इस लापरवाही का रिश्ता ग्रामीण स्वास्थ्य-ढांचे में व्याप्त अभाव से है ?  सरकारी स्वास्थ्य ढांचे से संबंधित आधिकारिक आंकड़े...

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छत्तीसगढ : नसबंदी ऑपरेशन में लापरवाही, आठ महिलाओं की मौत

बिलासपुर : छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद आठ महिलाओं की मौत हो गई है जबकि 32 महिलाओं की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया गया है. राज्य के मुख्‍यमंत्री रमन सिंह ने घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं वहीं मृतक के परिजनों को दो दो लाख मुआवजे की घोषणा की है. इससे पहले बिलासपुर जिले के पुलिस अधिकारियों...

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कोढ़ा का हाल: 223 की जगह 25 दवा है उपलब्ध

कोढ़ा:प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोढ़ा में 223 दवाइयों के बदले मात्र 25 दवाई मरीजों के लिए उपलब्ध है. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का इलाज किस स्तर का होता होगा. मरीजों को चिकित्सक के द्वारा लिखी जाने वाली अधिकांश दवाएं बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है. वैसी स्थिति में गरीब तबके के लोगों का बेहतर इलाज नहीं हो पाता है. यही नहीं...

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