वर्ष 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, उनके पुत्र राजीव गांधी बंगाल में किसी दूरदराज इलाके में थे। जब उन्हें यह सूचना मिली तो कहते हैं कि उन्होंने तत्काल रेडियो बीबीसी लगाकर सूचना की पुष्टि की थी। इस बात को बीबीसी की विश्वसनीयता के एक उदाहरण के रूप में याद किया जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि विश्वसनीयता के संदर्भ में लंबे अर्से तक बीबीसी द्वारा...
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एक साल बाद अब एपीएल वर्ग की महिलाएं भी विधवा पेंशन के दायरे में
भोपाल। पिछले एक साल से विधवा पेंशन योजना के दायरे को बढ़ाने की कवायद अब पूरी होती नजर आ रही है। विधवा पेंशन योजना से बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) के दायरे को समाप्त किया जा रहा है। बजट घोषणा से पहले सामाजिक न्याय विभाग इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज चुका है। इससे करीब दस लाख महिलाओं को सीधा फायदा होगा। सरकार को अब योजना क्रियान्वित करने में 360...
More »सांसदों के भत्तों में 40 हजार की बढ़ोत्तरी मंजूर , निर्वाचन और ऑफिस भत्ता में बड़ा इजाफा
संसद सदस्यों को अब 40 हजार रुपये बढ़े हुए भत्ते मिलना लगभग तय हो गया है क्योंकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (28 मार्च) को इस संबंध में एक प्रस्ताव को अनुमति दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कैबिनेट ने भत्ता नियमों में संशोधन को एक अप्रैल से लागू करने को मंजूरी दे दी जिससे आवर्ती और गैर आवर्ती व्यय खर्च का अतिरिक्त बोझ क्रमश: 39...
More »मध्यप्रदेश: सालभर में 6 हजार 639 रुपए बढ़ी प्रति व्यक्ति आय
भोपाल। बजट से पहले मंगलवार को विधानसभा में राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण आया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में इस साल लगभग 6 हजार 639 रुपए यानी 9.06 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अग्रिम अनुमानों के हिसाब से राज्य की शुद्ध प्रति व्यक्ति आय 73 हजार 268 रुपए से बढ़कर 79 हजार 907 रुपए हो गई है। 2011-12 के स्थिर भावों से देखें तो यह आय 52 हजार 406 रुपए से...
More »महिला खेतिहरों के श्रम का अवमूल्यन क्यों-- ऋतु सारस्वत
हाल ही में जारी आर्थिक समीक्षा दो महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान खींचती है। एक यह कि कामकाजी महिलाओं की संख्या में गिरावट आई है। वर्ष 2005-06 में रोजगार में आ रही महिलाओं का प्रतिशत 36 था, जो कि कम होकर 2015-16 में 24 प्रतिशत रह गया है। दूसरा यह कि खेती, बागवानी, मत्स्य-पालन, सामाजिकी वानिकी में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होने पर भी, उन्हें लंबे समय से उचित महत्त्व नहीं...
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