नई दिल्ली. करीब 9 महीने पहले नरेंद्र मोदी 'अच्छे दिनों' के नारे और वादों के साथ पर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए थे। इसके लिए उन्होंने बहुत ही प्रभावशाली तरीके से गुजरात के विकास के मॉडल को देश के सामने रखकर लोगों को 'अच्छे दिनों' का सपना दिखाया था। लेकिन जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार मिली है, उससे साफ हो...
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फूड सब्सिडी में सुधारों से कम होगा महंगाई का दबाव, घटेगा वित्तीय घाटा : मूडीज
नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज का कहना है कि फूड सब्सिडी और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में सुधारों से भारत का मुद्रास्फीतिक दबाव और राजकोषीय घाटा कम होगा। गत 21 जनवरी को सरकार की एक समिति ने फूड सब्सिडी और वितरण सिस्टम में सुधार के संबंध में अपने सुझाव दिए हैं। मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, समिति की ओर से नीतिगत स्तर पर सुधार की जो सिफारिशें की गई हैं, उनसे भारत...
More »WPI@0.11%: थोक महंगाई में मामूली बढ़ोतरी, ब्याज दरों में कटौती की आस जगी
नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का रुख बने रहने से गत दिसंबर माह में भी थोक महंगाई दर शून्य के करीब बनी रही। हालांकि, नवंबर 2014 के मुकाबले थोक महंगाई दर मामूली रूप से बढ़कर दिसंबर में 0.11 फीसदी पर दर्ज की गई। खुदरा महंगाई दर भी दिसंबर माह में पांच फीसदी पर रही। ऐसे में महंगाई की चाल को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती की...
More »घर छोड़ने को मजबूर क्यों अन्नदाता? - देविंदर शर्मा
कृषि के संदर्भ में राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) की हालिया रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि कृषि न केवल संकट के दौर से गुजर रही है, बल्कि उसका तेजी से क्षरण भी हो रहा है। मैं चकित नहीं हूं। आखिरकार 1996 में ही विश्व बैंक ने भारतीय कृषि के पतन की दिशा बता दी थी। तब विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि अगले बीस वर्षों में भारत...
More »क्या रूबल की खराब सेहत पूरी दुनिया का मूड बिगाड़ेगी?
दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं की सेहत अच्छी नजर नहीं आ रही है। सबसे ज्यादा नाजुक स्थिति रूस की है, जहां कि मुद्रा रूबल में भारी गिरावट हो रही है। इससे वहां के नागरिकों के साथ ही कई देशों की धड़कने बढ़ गई हैं। संकट जारी रहा तो मंदी का भारी दौर देखना पड़ सकता है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष जेनट येलने का कहना है कि रूस में जारी संकट...
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