-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 को लेकर मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी। खासकर वे मजदूर-कामगार ज्यादा परेशान हुए, जो गृह राज्य छोड़कर राजधानी दिल्ली में नौकरी कर रहे थे। अव्वल तो उनका काम-धंधा बंद हो गया था, तो रोजी-रोटी का संकट आया और उस पर मकान मालिकों के अड़ियल रवैये ने जख्म पर नमक का काम किया। हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क (एचएलआरएन) की...
More »SEARCH RESULT
मनरेगा : काम मांगने के बावजूद 97 लाख परिवारों को नहीं मिला रोजगार, 100 दिन पूरे करने वाले अब तक सिर्फ 19 लाख परिवार
-गांव कनेक्शन, दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार की गारंटी देने वाली योजना मनरेगा में अब तक का रिकॉर्ड बजट दिए जाने के बावजूद 97 लाख परिवारों को काम नहीं मिल सका। कोरोना महामारी से उपजे बेरोजगारी के संकट के दौर में इन सभी परिवारों ने मनरेगा में रोजगार के लिए काम की मांग की थी। इतना ही नहीं, इस साल मनरेगा में रोजगार पाने को लेकर जॉब कार्ड के लिए आवेदन...
More »एनआईए ने कबीर कला मंच के लोगों की गिरफ़्तारी के लिए दिया भाजपा-मोदी पर लिखे पैरोडी गीतों का हवाला
-द वायर, एल्गार परिषद मामले में सांस्कृतिक समूह कबीर कला मंच (केकेएम) के गायकों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के लिए उनके द्वारा भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पैरोडी गीत गाने को एक आधार बनाया गया है. केकेएम के सागर गोरखे (32) और रमेश गयचोर (38) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका के जवाब में बॉम्बे हाईकोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने इस कदम में...
More »किसान आंदोलन 2020 : किसान नेताओं के लिए समझौतावादी नीति विकल्प नहीं
-कारवां, कीर्ति किसान यूनियन (केकेयू) के एक प्रमुख किसान नेता निर्भय सिंह धूडिके ने 9 दिसंबर मुझसे कहा कि “हमने उनसे कहा कि अगर आप हमें मारते हैं, तो हम बहादुर कहलाएंगे और अगर लोग हमें पीटेंगे, तो हमें देशद्रोही करार दिया जाएगा.” धूडिके ने 3 दिसंबर से दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच कई मैराथन बैठकों में से एक में तीन केंद्रीय...
More »त्योहारी सीजन के दौरान भी व्यक्तिगत ऋणों में दिखे गिरावट के रूझान
इस साल धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मासिक बुलेटिन का नवंबर संस्करण जारी किया. नवीनतम आरबीआई मंथली बुलेटिन में बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (यानी जुलाई-सितंबर, 2020) में जीडीपी में -8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गौरतलब है कि भारत की...
More »