भरपूर मानसून का आना शहर और गांव हर कहीं खुशी का माहौल रचता है। पर इधर जब से नगर, महानगर में और कुछ चुनिंदा शहर स्मार्ट सिटी में बदलने शुरू हुए हैं, बरसात की खुली झड़ी हर शहर, हर कस्बे पर एक आफत बनकर बरसती है। सड़कों पर उफनते नालों-सीवरों का भलभलाकर उलट आना, भारीभरकम जाम, घरों के भीतर घुसे पानी से जान-माल की तबाही, यह हमने गए सालों में...
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विश्व आदिवासी दिवस : कहां खड़े हैं आदिवासी
अनुज कुमार सिन्हा : एक आदिवासी (सही शब्द जनजातीय) बहुल राज्य रहा है. विश्व अादिवासी दिवस (नौ अगस्त) के माैके पर यह चिंतन का वक्त है कि आदिवासी समाज कहां खड़ा है, देश आैर झारखंड में उनकी वास्तविक स्थिति क्या है. जल, जंगल और जमीन आरंभ से आदिवासी जीवन से जुड़ा रहा है. समय के साथ-साथ बदलाव हुए हैं आैर यह समाज भी बदला है. अंगरेजाें के खिलाफ...
More »चतुर कल्याणकारी नौकरशाही-- डा भरत झुनझुनवाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊंचे स्तर पर भ्रष्टाचार नियंत्रण में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. फिर भी मोदी का जादू धीमा पड़ता दिख रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. देश के शासन में नयी ताजगी आयी थी. वाजपेई ने कांग्रेस की कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना को अंगीकार किया था. कांग्रेस की पाॅलिसी थी कि बड़े उद्यमियों को बढ़ावा दो. इनसे टैक्स...
More »आरटीई में प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने उप्र सरकार से मांगा जवाब
माला दीक्षित, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों में आरटीई (शिक्षा का अधिकार) कानून लागू करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। निजी स्कूलों के संघ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें कहा गया है कि आरटीई कानून में 25 फीसद कोटा के तहत निजी स्कूलों में भी प्रवेश लिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस...
More »शिक्षा भी, मजदूरी भी-- कृष्ण कुमार
कहते हैं, शब्दों की अपनी दुनिया होती है। कवि और कहानीकार शब्दों के जरिए हमें किसी और दुनिया में ले जाते हैं। फिर कानून रचने वाले क्यों पीछे रहें? नए बाल मजदूरी कानून का प्रयास कुछ ऐसा ही है। यह कानून कहता है कि छह से चौदह वर्ष के बच्चे स्कूल से घर लौट कर किसी ‘पारिवारिक उद्यम' में हाथ बंटाएं तो इसे मजदूरी नहीं माना जाएगा। इस सुघड़ तर्क...
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