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असीम सम्भावनाओं का पिटारा ‘घुमन्तू समाज’

अपने सम्पूर्ण जीवन को यायावरी और जुगलबन्दी से जीने वाला 10 फीसदी घुमन्तू समाज आज विडम्बना की स्थिति में हैं। जहाँ एक तरफ उसको अपनी मूल पहचान खोने की चिंता है तो दूसरी ओर आजीविका की मजबूरी ने उसे घेर रखा है। ऊपर से सरकारों के नित- नये नियम कानूनों ने उसका मजाक बना दिया है। घुमन्तू लोग कौन हैं ? यह लोग तो समाज को चलाने वाले ऊंचे दर्जे के लोग...

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अदल-बदल कर लगाएं फसल तो कीड़े नहीं कर पाएंगे नुकसान

दुनियाभर में फसलों पर तेजी से कीड़ों का हमला बढ़ता जा रहा है। अभी हाल ही में राजस्थान और गुजरात में टिड्डी दल के हमले ने भारी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचाया था। वहीं, अफ्रीका के कई देशों में आर्मीवॉर्म ने खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था। पर वैज्ञानिकों ने उससे निपटने का एक रास्ता ढूंढ लिया है। उन्होंने एक नए शोध में कम्प्यूटेशनल मॉडल प्रस्तुत किया...

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2018-19 में चुनावी बॉन्ड से भाजपा को 1,450 करोड़ व कांग्रेस को 383 करोड़ रूपए मिले : एडीआर

चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार 2018-19 में भाजपा को चंदे में 2,410 करोड़ रुपये मिले. जिसमें 1,450 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए आए. वहीं, कांग्रेस को चंदे में 918.03 करोड़ रुपये मिले, जिनमें 383.26 चुनावी बॉन्ड के जरिए आए. बुधवार को जारी एडीआर के एक विश्लेषण के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान, छह राष्ट्रीय दलों में से केवल भाजपा, कांग्रेस और...

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झाबुआ के हलमा को गहराई से देखने की कोशिश कीजिए, वर्ल्ड बैंक उथला नज़र आएगा

वह भीषण गर्मी का महीना था, साल 1998, तारीख थी 11 मई, उस दिन पोखरण में ‘बुद्ध मुस्कराए’ थे. इस मुस्कुराहट का स्वाभाविक परिणाम यह हुआ कि दुनिया के तमाम ताकतवर देश मुस्कराना भूल गए. आनन-फानन में कई प्रतिबंध भारत पर लगा दिए गए. अमेरिकी दबाव इस कदर था कि भारत के पुराने दोस्त रूस ने भी हमें क्रायोजनिक इंजन देने से मना कर दिया. उस समय भारत के प्रधानमंत्री...

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क्या पीएम किसान सम्मान निधि सिर्फ लोकसभा चुनाव जीतने का हथकंडा था

पंजाब के मानसा जिले के झंडा खुर्द गांव के रहने वाले किसान लालचंद के मोबाइल पर एक मैसेज आता है. मैसज अंग्रेजी में था, इसलिए वे पढ़ नहीं सकते. पड़ोसी को मैसेज दिखाने लालचंद उसके घर जाते हैं. यह मैसेज एम किसान के नाम से आया. उसमें लिखा था कि उन्हें पीएम किसान योजना की तीसरी किस्त नहीं मिल सकती क्योंकि उनका नाम सरकारी रिकॉर्ड में गलत है. झुंझलाए लालचंद...

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