SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3112

खाप पंचायतों का बढ़ता खौफ- सुभाष गताडे

नई दिल्ली [सुभाष गाताडे]। इंडियन नेशनल लोक दल के प्रधान ओम प्रकाश चौटाला और काग्रेस के युवा सासद नवीन जिंदल में क्या समानता ढूंढ़ी जा सकती है? अगर राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को देखें या उम्र का फासला देखें तो कुछ भी एक जैसा नहीं है। अलबत्ता खाप पंचायतों को लेकर दिए अपने ताजे बयान के बाद दोनों एक ही तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पिछले कुछ समय से खाप पंचायतों की तरफ से एक मुहिम...

More »

अब गांव के हर घर में होगी ट्रिन-ट्रिन

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन घनत्व बढ़ाने और हर ग्रामीण को दूरसंचार क्रांति से जोड़ने के लिए ट्राई अब नए सिरे से कोशिश करने जा रहा है। इसके लिए वह दूरसंचार कंपनियों को कुछ नए प्रोत्साहन देने के पक्ष में है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण [ट्राई] ने चरणबद्ध तरीके से पांच सौ से ज्यादा आबादी वाले देश के सभी गांवों व कस्बों में दूरसंचार सेवा पहुंचाने की एक योजना बनाई है। इसके...

More »

हरी सब्जियों के नाम पर धीमा जहर

बल्लभगढ़ । हरी सब्जियां सेहत के लिए वरदान होती हैं, लेकिन अब इनके नाम पर भी लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। सब्जियों से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में यह खेल खेला जा रहा है। केमिकलों की मदद से इनका उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। यही नहीं, परमल, करेला, भिंडी, बैगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, हरा मटर सहित अन्य हरी सब्जियों को हरा और ताजा दिखाने के लिए सिंथेटिक रंग...

More »

एक मरीज पर केवल 1.20 रुपए

रायपुर. आंबेडकर अस्पताल को भले ही राज्य का सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी हेल्थ सेंटर का तमगा दिया जाने लगा है, लेकिन मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर पुराना सिस्टम ही चल रहा है। गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज की उम्मीद लेकर आने वालों को यह जानकार हैरानी होगी कि यहां एक मरीज पर सरकार रोजाना केवल 1 रुपए 20 पैसे खर्च कर रही है। राज्य शासन ने अस्पताल का बजट 7 करोड़ तय...

More »

पढऩे की इच्छा, काम की मजबूरी

हाथ में कापी, पुस्तक, पेन, कलम की जगह बच्चों को बोझ उठाना पड़ रहा है। गरीब घर के बच्चे बचपन से ही घर खर्च में माता-पिता की मदद करने पढ़ाई छोड़कर कार्य करने मजबूर हैं। शासन ने बालश्रम कानून बनाया है जिसमें १४ वर्ष से कम उम्र के बच्चे मजदूरी नहीं कर सकते, लेकिन परिवार की आर्थिक पेरशानी को देखकर पेट पालने के उद्देश्य से आज छोटे-छोटे बच्चे भी मजदूरी कर रहे हैं। गरीब...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close