SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2999

जहां घरों में आज भी नहीं लगते ताले

रायगढ़. आज भागमभाग, वैमनस्यता के दौर मंे अगर पूरा गांव एकता के सूत्र मंे बंधकर अनोखी मिसाल पेश करे तो लोगों के लिए भी वह प्रेरणा का केंद्र बन जाता है। जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर बसे घरघोड़ा ब्लाक मंे प्रकृति की सुरम्य वादियों मंे बसा है गांव कटंगडीह। ग्राम पंचायत गुमड़ा के इस आश्रित गांव में करीब ९क्क् की आबादी है। यहां १क्क् से ११क् परिवार रहते हैं। यहां के ग्रामीणोें...

More »

भ्रष्टाचार के खिलाफ़ वैश्विक जंग- एजी नूरानी

करीब दो सदी पहले 1788 में वारेन हेस्टिंग्स के महाभियोग कार्यवाही के समय एडमंड बर्क ने घोषणा की थी कि ‘घूसखोरी, गंदे हाथ से सने  महान साम्राज्य के प्रमुख गवर्नर का गरीब, दीन व पस्तहाल घूस लेना दरअसल किसी सरकार को मानवता की निगाह में गिरा, घृणित व तिरस्कृत बनाता है.’ 1977 में कंट्रोलिंग द ग्लोबल करप्शन ऐपडेमिक एक आलेख में रॉबर्ट एस लेइकन ने बर्क के अभियोग पर कड़ी टिप्पणी की कि ‘आजादी...

More »

यहां ग्रामीण चलाते हैं रेलवे स्टेशन

बलवंतपुर। जयपुर से 146 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बलवंतपुरा-चैलासी रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही हमारा सामना एक सुखद आश्चर्य से होता है। यह स्टेशन जन प्रयासों का बेमिसाल नमूना तो है ही, आजाद भारत का एकमात्र स्टेशन भी होगा, जिसे ग्रामीणों ने बनाया तो है ही, प्रबंधन और संचालन भी रेलवे नहीं बल्कि उन्हीं के हाथों में है। सुनियोजित तरीके से स्टेशन की बागडोर संभाल रहे ये हाथ झुंझुनूं के पांच ग्राम पंचायतों के हैं,...

More »

हौसले के हथौड़े से टूटे पहाड़

कोडरमा। झरखी-विशनपुर गांव के लोगों ने हौसले के हथौड़े से पहाड़ों का सीना चाक कर अपना रास्ता बना लिया। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने जब फरियाद नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने स्वयं सड़क बनाने का बीड़ा उठाया और उनके अदम्य साहस के आगे जंगल-पहाड़ सभी नतमस्तक हो गए। दुर्गम पहाड़ों-जंगलों के बीच से झरखी से जरगा तक करीब सात किलोमीटर लंबी सड़क का 70 प्रतिशत काम चार महीनों में पूरा कर लिया है। करीब पांच किमी...

More »

जनेश्वर से छोटे लोहिया तक का सफर

इलाहाबाद । बलिया के बैरिया क्षेत्र के शुभनथहीं गांव में 5 अगस्त 1933 को जन्मे जनेश्वर मिश्र का राजनैतिक कैरियर इलाहाबाद में ही शुरू हुआ। वह इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर वर्ष 1953 में यहां आए। किसान रंजीत मिश्र के दो पुत्रों में बड़े जनेश्वर शुरू से ही सोशलिस्ट विचारधारा से प्रभावित हो गए थे और फिर सोशलिस्टों के साथ ही रहें। चार दशक तक भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जनेश्वर मिश्र ने देश...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close