नई दिल्ली/मुंबई/हरिद्वार.लगातार दो साल तक कई राज्यों में सूखे के बाद अच्छी खबर आई है। वेदर फोरकास्ट करने वाली एजेंसी स्कायमेट का दावा है कि इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। वहीं, केंद्र सरकार ने भी पिछली बार से ज्यादा बारिश की पॉसिबिलिटी जताई है। सोमवार को सामने आए दोनों के दावों के पीछे वजह है - सूखे का कारण माने जाने वाले अल नीनो फैक्टर खत्म होना। हो...
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पानी के बंटवारे से होगा लाभ- भरत झुनझुनवाला
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पंजाब द्वारा सतलुज यमुना लिंक नहर पर यथास्थिति बनाये रखी जायेगी. विवाद पुराना है. पंजाब तथा हरियाणा के बीच सतलुज नदी के पानी के बंटवारे को लेकर बहुत पहले समझौता हुआ था, परंतु पंजाब सरकार ने समझौता मानने से इनकार कर दिया था. पंजाब सरकार द्वारा समझौते को रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से लटका हुआ है. राज्यों के बीच...
More »‘गाइड’ के दृश्य का दोहराव क्यों?- शेखर गुप्ता
यदि आपने देव आनंद की 1965 की क्लासिक फिल्म ‘गाइड' देखी हो तो टीवी स्क्रीन पर सूखे से प्रभावित क्षेत्रों खासतौर पर महाराष्ट्र के दृश्य अापको पहले देखे हुए से लगेंगे। फिल्म के अंतिम हिस्से में राजू गाइड सूखे से प्रभावित क्षेत्र के एक मंदिर में शरण लेता है। गांव वालों को लगता है कि वे कोई पहुंचे हुए स्वामीजी हैं और ग्रामीण उसे तब तक उपवास करने पर मजबूर...
More »यहां कर्ज नहीं, अनाज मिलता है
गरीबों को जीवन चलाने के लिए कर्ज लेना ही पड़ता है. लेकिन जब ब्याज के साथ महाजन को कर्ज चुकाने की बारी आती है, तो बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाती है. किसानों के लिए खुदकुशी करने की नौबत तक आ जाती है. पटना के आस-पास की कुछ महिलाएं अनूठा प्रयोग करते हुए अनाज बैंक चला रही हैं. जो महाजन के जुल्म से मुक्ति की सफल दास्तां है. पटना: मोहनचक की...
More »अब नजर नहीं आतीं नन्हीं गौरैया, संरक्षण के लिए नहीं उठे कदम
कभी हमारे घरों को अपनी चीं..चीं से चहकाने वाली गौरैया अब नजर नहीं आतीं हैं। करीब 10 सालों से यह घरेलू पक्षी शहर से विलुप्त हो चुकी है। गांवों की तरफ भी कभी- कभार चहचहाहट सुनाई पड़ती है। घरों की बदलती डिजाइन, इलेक्ट्रिक पंखे समेत कई ऐसे कारण हैं जो नन्हीं गौरैया को बेदखल करने के लिए जिम्मेदार है। वन विभाग ने भी कभी इनके संरक्षण की दिशा में ठोस...
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