यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...
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अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...
More »गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »‘विकास होता तो आत्महत्या नहीं करते किसान’
हिसार. मंडी आदमपुर. आरएसएस के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा कि सरकार के विकास के सभी दावे खोखले हैं। यदि सही मायने में देश में विकास होता तो किसान आत्महत्या नहीं करते। आजादी के 60 साल बाद देश में भुखमरी नहीं होती। वे बुधवार शाम गांव काबरेल में श्रीकृष्ण गौशाला, गौ संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र के शिलान्यास के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान आज...
More »हाईकोर्ट का फैसला तय करेगा नोएडा एक्स. का भविष्य
ग्रेटर नोएडा। नोएडा एक्सटेंशन का भविष्य मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिका हुआ है। प्राधिकरण, किसान, बिल्डर, निवेशक, ठेकेदार व मजदूर सभी की निगाहें इस पर लगी हुई हैं। साबेरी व पतवाड़ी की तरह कोर्ट का निर्णय किसानों के पक्ष में आया तो समूचे नोएडा एक्सटेंशन पर ग्रहण लग जाएगा। ऐमनाबाद गांव में बिल्डरों की तीन परियोजनाओं को छोड़कर बाकी सभी प्रभावित हो जाएंगी। हाईकोर्ट में मंगलवार...
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