ग्रामीण भारत में डिजिटल लैंगिक विभाजन और 1.5 करोड़ महिलाओं को सशक्त बनाने के बाद गूगल का इंटरनेट साथी कार्यक्रम चार नए राज्यों में विस्तार के लिए तैयार है. टाटा ट्रस्ट के साथ 2015 में एक पॉयलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया ‘इंटरनेट साथी' का ध्यान इंटरनेट इस्तेमाल के लिए महिलाओं को शिक्षित करना है. ये महिलाएं इसके बाद अपने समुदाय की दूसरी महिलाओं व आसपास के गांवों...
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बंगाल में लोकतंत्र का मखौल-- प्रसेनजीत बोस
पश्चिम बंगाल का मौजूदा पंचायत चुनाव पूरी तरह से लोकतंत्र के साथ घटिया मजाक है. फिलहाल राज्य में पंचायत के पदों की संख्या करीब 48 हजार है. साल 1978 से हर पांच वर्ष पर राज्य में पंचायत के चुनाव हो रहे हैं. उस समय से दो बार- 2003 में वाम मोर्चे की सरकार और 2013 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार के तहत- सबसे ज्यादा निर्विरोध उम्मीदवार चुने गये थे....
More »ग्राम स्वराज पर पुनः चिंतन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
वर्तमान सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए एक नया प्रयास किया था. सांसदों को एक-एक गांव गोद लेने की सलाह दी गयी थी. उनसे कहा गया था कि इस गांव को विकास का प्रतिमान बनाया जाये. लेकिन, आखिरकार यह भी जुमला ही प्रतीत हो रहा है. पिछली सरकार के समय राष्ट्रपति कलाम साहब ने भी एक सपना देखा था कि ग्रामीण इलाकों में शहरों की सुविधाएं दी जाएं. लेकिन...
More »पुलिस के कामकाज और लोगों में पुलिस की धारणा पर कॉमनकॉज की रिपोर्ट का लोकार्पण
नई दिल्ली, 9 मई: कॉमनकॉज और सीएसडीएस के लोकनीति प्रोग्राम ने आज इंडिया हैबिटेट सेंटर में देश का पहला स्टेटस् ऑफ पोलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट(SPIR 2018) जारी किया. रिपोर्ट के लोकार्पण के बाद ‘जन-केंद्रित पुलिसिंग एवं विधि-व्यवस्था’ पर एक परिचर्चा हुई. परिचर्चा में विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस ए पी शाह, पूर्व डीजीपी तथा इंडियन पुलिस फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री प्रकाश सिंह तथा मानवाधिकारों से जुड़े मामलों की वकील सुश्री...
More »बुजुर्गों की बदहाली-- मणींद्र नाथ ठाकुर
कहा जा रहा है कि दुनिया अब बूढ़ी हो रही है. पचास के दशक की तुलना में 21वीं शताब्दी में साठ साल से ऊपर की उम्र के लोगों की संख्या तीन गुनी ज्यादा हो जायेगी. भारत में भी लगभग आठ प्रतिशत जनसंख्या साठ से ऊपर है, बिहार जहां अपेक्षाकृत युवा ज्यादा हैं, वहां भी यह प्रतिशत सात से कम नहीं है. लेकिन दुनिया के विकसित देशों की तरह भारत में...
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