तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से लेकर बिहार तक हमारा पेट भरने वाले किसान आंदोलित हैं। पिछले तीन सालों से पड़े सूखे ने किसानों और खेतीहर मजदूरों ने कमर तोड़ दी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार 2009 से 2015 के दौरान 97847 किसानों और खेतीहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। किसानों द्वारा आत्महत्या का मुख्य कारण कर्ज रहा है जबकि खेतिहर मजदूरों के लिए ‘पारिवारिक समस्याएं'...
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किसान साधन-संपन्न, धान पर नहीं देंगे बोनस: मंत्री
बिलासपुर । सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि किसानों को बोनस नहीं देंगे। प्रदेश के किसान साधन संपन्न हैं। वैसे भी राज्य सरकार कई ऐसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को सीधा फायदा पहुंच रही है। जब उनको फायदा पहुंचाया जा रहा है तो बोनस की जरूरत ही कहां है। सहकारिता मंत्री श्री बघेल रविवार को छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। वे लोक सुराज अभियान में...
More »महिला सुरक्षा की चुनौतियां-- शैलेन्द्र चौहान
देश को हिला देने वाले 16 दिसंबर 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषियों की अपील पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा है। इस गैंगरेप के चार दोषियों को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी। दोषियों की अपील...
More »कैसे थमे नक्सली कहर-- प्रमोद भार्गव
छत्तीसगढ़ में माओवादी नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर एक बार फिर हमला किया। इसमें छब्बीस जवान शहीद हो गए। इस बार नक्सलियों ने हमले का नया तरीका अपनाया। करीब तीन सौ की संख्या में आए नक्सली काली वर्दी पहने हुए थे। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को ढाल बना कर गोलियां दागीं। इसी साल 11 मार्च को भी सुकमा में नक्सली हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के बारह जवान हताहत...
More »भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें-- मोनिका शर्मा
नीति आयोग के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की ग्यारहवीं इंडिया करप्शन स्टडी-2017 की रिपोर्ट में सामने आया है कि भ्रष्टाचार का जाल आज भी आम आदमी के लिए मुसीबत बना हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल इकतीस फीसद लोगों को स्कूल, अदालत, बैंक या अन्य कामों के लिए दस रुपए से लेकर पचास हजार रुपए तक की रिश्वत देनी पड़ी है। आंकड़े बताते हैं कि 2005 में तिरपन...
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