वॉशिंगटन। भारत की 80 फीसदी आबादी के बारे में अक्सर कहा जाता है कि ये लोग प्रतिदिन दो डॉलर से भी कम में जीवन यापन करते हैं। लेकिन अब ऐसी ही खबर अमेरिका से भी आने लगी हैं। यहां एक करोड़ लोग प्रतिदिन दो डॉलर में यानी 120 रुपए के खर्च के साथ जीते हैं। ऐसे लोग फूड स्टाम्प, सामाजिक कल्याण और स्कूलों में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर...
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बाग में 200 लोग लड़ रहे सिकल सेल एनीमिया से जंग
जय तापड़िया, बाग। आदिवासी बहुल बाग ब्लॉक में सिकल सेल एनीमिया नामक घातक लाइलाज बीमारी के 200 से अधिक मरीज हैं। अनुवांशिक बीमारी होने से यह भावी पीढ़ी में लगातार फैलती जा रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान दौरे पर गए थे। जहां प्रधानमंत्री की पहल पर जापान ने भारत के साथ मिलकर इस बीमारी पर शोध करने पर सहमति जताई है। इससे पीड़ित मरीजों के लिए...
More »शिक्षा को नवोन्मेषी बनाने की चुनौती- गिरीश्वर मिश्र
आधुनिक भारत में विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा का आरंभ हुए एक शताब्दी से अधिक का समय बीत चुका है। स्वतंत्रता मिलने के बाद इसे प्रोत्साहन मिला और धीरे-धीरे सरकार द्वारा विश्वविद्यालय, कॉलेज और विभिन्न प्रकार के ‘प्रोफेशनल' शिक्षा देने वाले तकनीकी, मेडिकल और प्रबंधन के संस्थान खुलते चले गए। शुरू में ब्रिटेन और बाद में अमेरिका से उधार लिए गए एक बंधे-बधाए सांचे में शिक्षा का विस्तार होता गया। उधारी...
More »ओझल आदिवासी समाज- विनोद कुमार
जनसत्ता 26 अगस्त, 2014 : आदिवासी समाज के बारे में इधर हमारी दृष्टि बदली है। बावजूद इसके आदिवासी बहुल इलाकों के बाहर आदिवासी समाज के बारे में अब भी एक कौतूहल का भाव रहता है। इस परिप्रेक्ष्य में यह जानना दिलचस्प होगा कि गैर-आदिवासी समाज आज भी आदिवासी समाज को किस रूप में देखता है। राजनेताओं की नजर में आदिवासी समाज की अहमियत क्या है, इसे हम कुछ उदाहरणों से...
More »बच्चों के हित में एकीकृत बाल संरक्षण योजना- आर के नीरद
मित्रो, बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर परिवार, समाज और सरकार सभी चिंता करते हैं. ये इन सभी के भविष्य की बुनियाद हैं. इन्हें जितना मजबूत बनाया जायेगा, सब का भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा. इस तथ्य के बाद भी आंकड़े बताते हैं कि हम बच्चों की जान बचाने में अब भी पीछे हैं. जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, उनमें कुपोषित बच्चों की संख्या भी अधिक होती है. बच्चों...
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