कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने आज यह मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया किया कि केंद्र को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना से आधारकार्ड को जोड़ने का अपना फैसला तत्काल वापस लेना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य के केवल 15 फीसदी लोगों को ही आधार कार्ड मिल पाया है, ऐसे में 85 फीसदी लोग (साल में) नौ सब्सिडीप्राप्त सिलेंडर नहीं ले पाएंगे, क्योंकि केंद्र ने सीधे ही संबंधित...
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लेबर की कमी होने से मजदूरी दो वर्षों में दोगुनी- शमशेर सिंह
रियल स्टेट डेवलपरों को नकदी के अभाव से भी बड़ी समस्या फिलहाल मजदूरों की कमी लग रही है। मनरेगा की शुरुआत से यह संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। मजदूरों की कमी के साथ ही इनकी मजदूरी में भी काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। आज हालात यह है कि मजदूरों की कमी प्रोजेक्ट में देरी की एक वजह बनती जा रही है। मजदूरों की किल्लत के चलते उनकी मजदूरी...
More »गन्ना किसानों का कसूर- हरवीर सिंह
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए एक बार फिर 1996-97 पेराई सीजन का माहौल बन रहा है। वह पहला साल था, जब राज्य की निजी चीनी मिलों ने गन्ना किसानों को राज्य सरकार द्वारा तय किया जाने वाला राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) देने से मना कर दिया था। चालू पेराई सीजन में भी चीनी मिलों ने साफ कर दिया है कि वे किसानों को 240 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक...
More »लोकतंत्र की बेहतरी के लिए- भारत डोगरा
हाल ही में जब केंद्रीय सूचना आयोग ने देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को सूचना का अधिकार कानून के दायरे में लाने की बात की, तो ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया। इसकी वजह साफ थी कि कोई भी दल अपनी आय के स्रोतों का खुलासा नहीं करना चाहता है, क्योंकि अगर वे सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आ जाते हैं, तो उन्हें आय-व्यय के ब्योरे सार्वजनिक करने...
More »भ्रष्टाचार का भयावह मंजर- ज्ञान प्रकाश पिलानिया
जनसत्ता 17 सितंबर, 2013 : हाल ही में ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की ‘वैश्विक भ्रष्टाचार: बैरोमीटर-2013’ रिपोर्ट में एक बार फिर यह उजागर हुआ है कि भारत में भ्रष्टाचार दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले दुगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। विश्व के सत्ताईस फीसद लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल भर के दौरान रिश्वत देकर काम कराया है। लेकिन अकेले भारत में यह आंकड़ा चौवन फीसद रहा। यानी हर दो में...
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