चन्द्रपुर (महाराष्ट्र) : स्कूल के भारी बस्ते के बोझ से लदे सातवीं कक्षा के दो छात्रों ने पांच-सात किमी से अपने कंधों पर भारी बस्ता लटकाकर पढने के लिए आने वाले छात्रों की दुर्दशा बयान करने के लिए यहां एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया है. स्थानीय प्रेस क्लब में जुटे पत्रकार कल उस समय अचंभे में पड़ गये, जब स्थानीय विद्या निकेतन स्कूल के दो छात्र अंदर आये और उन्होंने...
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बिहार में बाढ़ का विकराल रूप
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी में जमी गाद (सिल्ट) के लिए फरक्का डैम को जिम्मेवार ठहराते हुए आज कहा कि इस डैम को हटाए बिना गंगा में गाद की समस्या समाप्त नहीं हो सकती. पटना स्थित मुख्य सचिवालय में गंगा सहित अन्य नदियों के जलस्तर बढने से उत्पन्न बाढ की स्थिति की आज समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि...
More »भ्रष्टाचार और प्रदूषण का खनन-- रामचंद्र गुहा
जब नई सदी की शुरुआत हुई, तो मेरे गृह राज्य कर्नाटक में आर्थिक उदारीकरण के ‘पोस्टर बॉय' थे- एन आर नारायण मूर्ति। मध्यवर्गीय परिवार से निकले इस शख्स के पास उद्यमशीलता का कोई पारिवारिक अनुभव नहीं था। नारायण मूर्ति ने अपनी जैसी सोच वाले छह अन्य लोगों को जोड़ा और इन्फोसिस की नींव रखी। बहुत मामूली शुरुआत हुई थी इसकी, मगर साल 2000 तक इस कंपनी का मुख्यालय न सिर्फ बेंगलुरु...
More »इरोम: कौन सुनेगा 'आयरन लेडी' की दिल की बात
यूँ तो अपने आप में हर प्रेम कहानी अनोखी होती है, लेकिन 16 साल तक भूख हड़ताल करने वाली शर्मिला की प्रेम कहानी कई मायनों में अलग है. भारतीय मूल के ब्रितानी नागरिक डेसमंड कूटिन्हो इरोम की ज़िदंगी में ऐसे समय में आए जब वो दुनिया से अलग-थलग इम्फ़ाल के एक अस्पताल में कई सालों से बंद थीं. शर्मिला से जुड़ी ख़बरों को सालों से कवर रहती रहीं पत्रकार चित्रा बताती हैं,...
More »सुविधा के द्वीप-- प्रेमपाल शर्मा
दो बजते ही स्कूल से छूटे ढेर सारे बच्चों की खिली हुई आवाज से मन ऐसे प्रसन्न हो उठता है जैसे शाम को घर लौटती चिड़िया का चहकते, शोर करते झुंड को देखना। मैं घर के एकदम पास स्थित सरकारी स्कूल की बात कर रहा हूं। चिल्ला गांव का स्कूल। लगभग तीन हजार बच्चे पॉश कॉलोनियों के बीचों-बीच। लेकिन इसमें इन सोसाइटियों का एक भी बच्चा पढ़ने नहीं जाता। इसके...
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