उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्बन्धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...
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विस्फोटक है श्रम कानून- अमिताभ घोष
एक एचपी बीपीओ कर्मचारी की 13 दिसंबर 2005 को कंपनी की लीज वाली कार के ड्राइवर द्वारा बलात्कार और हत्या की घटना काफी दुखद थी. कंपनी के शेयरधारकों और निदेशकों को व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए जिम्मेवार ठहराना तर्क से परे नहीं था, हां अप्रत्याशित जरूर था. दूसरी घटना में ठेकेदार या कंपनी द्वारा कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड में गड़बड़ी के कारण कंपनी के चेयरमैन का पासपोर्ट जब्त कर लिया...
More »छुआछूत अब भी जारी है....
अनदेखी और उपेक्षा के बीच छुआछूत का बरताव जारी है और देश में अस्पृश्यता की समस्या मौजूद है। यह लाखों लोगों के लिए उम्र भर दुःख और अपमान के बीच रहने और जीने का मामला है। इसकी कल्पना बरतर सामाजिक हालातों में जीने वाले नहीं कर सकते लेकिन जैसा कि गुजरे 14 अप्रैल, 2012 से शुरु हुए अनुच्छेद 17 अभियान के अंतर्गत इंडिया अनहर्ड द्वारा जारी 22 छोटे और आसानी...
More »कृष्ण और सुदामा के नए रिश्ते- राजकिशोर
अमीरों और गरीबों के बच्चे पहले भी साथ-साथ पढ़ते थे। इसका सबसे मशहूर उदाहरण कृष्ण और सुदामा की जोड़ी है। कृष्ण राजकुल के थे और सुदामा एक गरीब ब्राह्मण की संतान। दोनों के प्रति गुरु तथा गुरुकुल के अन्य संवासियों के व्यवहार में कुछ अलग अलगपन था या नहीं, इसके विवरण आज उपलब्ध नहीं हैं। पर यह जरूर प्रसिद्ध है कि कृष्ण और सुदामा के बीच गजब की दोस्ती थी। किसी अन्य अमीर...
More »'सिस्टम' से तंग छवि राजावत करेंगी गहलोत से शिकायत
नई दिल्ली. राजस्थान के टोंक जिले के सोड़ा गांव की सरपंच के तौर पर पूरी दुनिया में नाम कमा चुकीं छवि राजावत को 'सिस्टम' से शिकायत है। देश के नामी गिरामी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ चुकीं राजावत जब सोड़ा गांव की सरपंच बनीं थीं तो उन्हें खुद और उनके गांव को बड़े बदलाव की उम्मीद थी। लेकिन सरपंच बनने के दो साल बाद महिलाओं से होने वाला भेदभाव, नौकरशाही के रवैये और राजनीतिक...
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