भोपाल। प्रदेश में लगातार चौथे साल भी किसान मानसून की मार और कीड़े लगने सेे 17 लाख किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। इससे 4 हजार 194 करोड़ रुपए की फसल के नुकसान का आंकलन लगाया गया है। कई जिलों में सोयाबीन, मूंग और उड़द की खड़ी फसलें खेतों में बखरनी पड़ी हैं।पूरे प्रदेश में सूखा प्रभावित 14 जिले के 13 हजार 25 गांवों में 17 लाख 35 हजार हेक्टेयर...
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मध्यप्रदेश में 2022 तक सबकों घर, नवंबर से शुरुआत संभव
हरीश दिवेकर, भोपाल। सबको घर देने के लिए राज्य सरकार आवास गारंटी कानून बना रही है। इसके अनुसार वर्ष 2022 तक हर किसी के पास खुद का घर होगा। इस अवधि के बाद मप्र में एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा जिसके पास खुद की छत न हो। यदि किसी कारण से सरकार तय सीमा में आवास नहीं दे पाती है या आवास देने में देरी होती है, तो संबंधित...
More »आम आदमी की थाली से बाहर हुई दालें
जयपुर. दालें आम आदमी की थाली से बाहर हो गई हैं। एक सप्ताह के दौरान इनकी कीमतें दस रुपए से चालीस रुपए प्रति किलो तक उछल गई हैं। रिटेल कीमतों की बात करें तो उड़द दाल के भाव 140 रुपए किलो और अरहर दाल के 150 रुपए प्रति तक पहुंच गए हैं। व्यापारियों के मुताबिक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र में खराब मानसून से खरीफ में दलहन की पैदावार बुरी...
More »दलहन संग तिलहन के भी फिरने लगे दिनः घटेगी उपज, बढ़ेंगे भाव
मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक औसत मानसूनी बारिश में 13-14 प्रतिशत कमी आई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे कई राज्यों में सितंबर के दौरान औसत से काफी कम बारिश हुई। अब, जबकि मौसम विभाग के मुताबिक देश से मानसून की बिदाई हो चुकी है, सितंबर में हुई कम बारिश के कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में खड़ी फसलों में पानी...
More »विश्व फॉरेस्ट्री कॉन्फ्रेंस में उठा छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का मुद्दा
रायपुर। दक्षिण अफ्रीका के शहर डरबन में आयोजित वर्ल्ड फॉरेस्ट्री कॉन्फ्रेंस 2015 में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की जीवन शैली और उनके मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के संरक्षित बैगा आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि सुखराम बैगा, आदिवासी अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था आदिवासी वन जन अधिकार मंच की प्रतिनिधि इंदु नेताम और मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में रहने वाली बैगा आदिवासी महिला उजियारो बाई...
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