राजनेताओं ने यह सोचा था कि शासन में स्थानीय आदिवासियों की सहभागिता झारखंड का विकास सुनिश्चित करेगी. दुर्भाग्यवश, खनिजों, वनों तथा प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न झारखंड भ्रष्टाचार, विकास की कमी, नक्सलवाद, राजनीतिक अस्थिरता, कुशासन, आदिवासियों के शोषण के साथ कुछ अन्य सामाजिक तथा राजनीतिक समस्याओं का शिकार हो गया. दूसरी ओर, राजनीतिक नेतृत्व, सिविल सोसाइटी तथा अकादमिक क्षेत्र राज्य के विकास की एक प्रभावी योजना तैयार नहीं कर सका. इस स्थिति...
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तुम बेड़ियां काट सको तो-- सुजाता
जब शादी की बात हो, तो अक्सर सुनने में आता हैं- जोड़ियां ऊपर बनती हैं. तो क्या ऊपर ही टूटती भी होंगी? लेकिन ऐसा है नहीं. विवाह पवित्र बंधन है और विवाह का टूटना एक सामाजिक कलंक मान लिया गया है. जोड़ियां बनानेवाले ने उनमें चक्रव्यूह के अभिमन्यु की तरह जाने का आसान रास्ता तो बनाया है, निकलने का नहीं. जैसे शादी में दोनों को ‘कुबूल' होना जरूरी है, लेकिन...
More »छत्तीसगढ़--- दफ्तरों में अटैच शिक्षाकर्मी जाएंगे स्कूल
जिला पंचायत सीईओ ने डीईओ, बीईओ समेत अन्य सरकारी कार्यालयों में सालों से जमे शिक्षाकर्मियों का संलग्नीकरण समाप्त करने का आदेश जारी किया है। इससे ऊंची पहुंच वाले शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया है। राज्य शासन ने कलेक्टर को पत्र लिखकर सरकारी कार्यालयों में अटैचमेंट समाप्त करने का फरमान जारी किया है। इसके बाद भी ऊंची पहुंच वाले कर्मचारी सालों से अपने मूल पदस्थापना स्थल को छोड़कर मलाईदार जगहों पर पदस्थ...
More »पीएमओ से जुड़ जाएंगे दस ग्राम पंचायत
कोरबा। नईदुनिया न्यूज नेशनल ऑब्टिकल फाइबर नेटवर्क (नोफन) के तहत बीएसएनएल जिले की दस ग्राम पंचायतों को कनेक्टिविटी देते हुए ऑनलाइन करेगा। रायपुर में आयोजित होने जा रहे राज्योत्सव के मुख्य कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफें्रसिंग के जरिए चुनी गई पंचायतों में सेवा का शुभारंभ करेंगे। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत सबसे पहले ऑनलाइन हो रही सभी पंचायतें कटघोरा विकासखंड की है, जहां के ग्रामीण ऑनलाइन माध्यम से...
More »लोकतांत्रिक राजशाही का नया दौर - प्रदीप सिंह
लोकतंत्र दुनिया की सर्वोत्तम व्यवस्था नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि शासन व्यवस्था का इससे बेहतर कोई विकल्प भी नहीं है। इसलिए यह व्यवस्था अपनी तमाम खामियों के बावजूद ज्यादातर देशों में चल रही है। भारत ने भी आजादी के बाद संसदीय लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का फैसला किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। संसदीय जनतंत्र के प्रति पंडित नेहरू की प्रतिबद्धता पर शायद...
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