भोपाल। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और नेशनल हेल्थ प्रोग्राम में प्रदेश के पूरे पचास जिलों ने फर्जी आंकड़े पेश कर वाहवाही लूटी और स्वर्णिम मध्य प्रदेश के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बुनियाद रख दी। बाद में आंकड़े क्रास चेक करने पर विभाग के होश उड़ गए। अधिकांश आंकड़े फर्जी होने के बाद आनन फानन में सभी जिलों के कार्यक्रम प्रबंधकों की वेतनवृद्धि रोक दी गई। अब नए फार्मेट में आंकड़े भरे जा रहे हैं। ...
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स्वस्थ बिहार की मुहिम में बिल गेट्स का साथ
पटना। माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स अपने पहले बिहार दौरे के क्रम में बुधवार को खगड़िया एवं बांका जाएंगे और वहां उपलब्ध चिकित्सा सुविधा का जायजा लेंगे। उनकी मंशा स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी सुविधा बेहतर बनाने में राज्य सरकार की मदद करनी है। इन जिलों के दौरे से लौटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर वे एक करारनामे पर हस्ताक्षर करेंगे। वैसे तो दुनिया के दस धनी व्यक्तियों में शुमार माइक्रोसाफ्ट कंपनी...
More »नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ
मलिहाबाद (लखनऊ), 11 मई : क्षेत्र में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 42 मातृ शिशु परिवार कल्याण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। यह केन्द्र अपने उद्देश्यों से भटक गये हैं। इससे केन्द्रों की सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। ग्राम नवीनगर, कसमण्डी खुर्द, कसमण्डी कलां व रहीमाबाद केन्द्रों के भवन जीर्ण शीर्ण हैं। 15 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। इनकी स्थिति बदतर है। मानक...
More »परिवार छोटा रखने का जिम्मा भी महिलाओं पर डाला
पटना। जनसंख्या नियंत्रण के सबसे अहम उपायों में से एक है महिला बंध्याकरण और दूसरा पुरुष नसबंदी। शिशु जन्म की पूरी प्रक्रिया में महिला की भागीदारी ज्यादा होने से उनकी समस्याएं भी अधिक होती हैं, इसलिए इससे निजात के लिए वे बंध्याकरण के प्रति ज्यादा उत्साह दिखाती हैं, लेकिन पुरुष इसमें पीछे हैं। पुरुष अब भी इस गलत और अवैज्ञानिक धारणा के शिकार हैं कि नसबंदी होने पर वे अपनी मर्दानगी [यौन क्षमता] खो बैठेंगे...
More »जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे
एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...
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