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सामाजिक असमानताओं के कुचक्र में फंसा 'डिजीटल इंडिया' का सपना

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की एक हालिया रिपोर्ट डिजिटल डिवाइड और भारत के कैशलेस अर्थव्यवस्था बनने के विरोधाभास को उजागर करती है. नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) की ‘भारत में शिक्षा पर घरेलू सामाजिक उपभोग के प्रमुख संकेतक, जुलाई 2017 से जून 2018' नामक रिपोर्ट में कंप्यूटर और इंटरनेट की उपयोगिता के मामले में ग्रामीण-शहरी विभाजन काफी स्पष्ट दिखता है. शिक्षा पर 75वें दौर के नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) की...

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बीमार इकोनॉमी को नहीं मिली दवा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिरती इकोनॉमी रफ्तार, बढ़ती बेरोजगारी के साए में 2020-21 का बजट पेश किया और दावा यह है कि यह बजट न केवल इकोनॉमी को बूस्ट देगा बल्कि “यह आकांक्षी भारत, मजबूत अर्थव्यवस्था और हितैषी समाज” के लक्ष्यों पर खरा उतरेगा। वित्त मंत्री के दावे और हकीकत में कितना फासला है, आउटलुक ने देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों से एक पैनल चर्चा के जरिए बजट पर उनकी...

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बजट 2020 : सीधा-सरल नहीं, अंदर की बात में छिपे हैं झटके

-आउटलुक हिंदी   वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दशक का पहला बजट पेश करते हुए उसकी थीम “आकांक्षी भारत, आर्थिक विकास और हितैषी समाज” बताई। इस बजट से आम आदमी, किसान, कॉरपोरेट जगत को भी कई सारे आकांक्षाए थी। उसे उम्मीद थी कि मंदी के भंवर में फंस चुकी अर्थव्यवस्था को निकालने के लिए वित्त मंत्री लोगों के बजट में इजाफा करेंगी। इसके लिए उन्होंने टैक्स छूट का ऐलान भी किया। बजट...

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संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा

“अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी”   घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! -शलभ श्री राम सिंह   हम भारत के लोग ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया था। आज लगभग 70 साल के बाद देश का शासक...

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राजनीतिक दलों की बढ़ती वित्तीय आय में अपारदर्शी चुनावी चंदा

साल 2019 बीतते-बीतते प्रमुख राजनीतिक दलों की वित्तीय आय और इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनाव में चंदे की नई व्यवस्था से जुड़ी कई खबरें और चर्चाएं सुनने को मिलीं. लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने और पत्रकारों ने आरटीआइ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनावी चंदा लेने के इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे अपारदर्शी तंत्र पर सवालिया निशान खड़े किए. इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग...

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