केला स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से तो एक फायदेमंद फल है, इस बात से तो हम सब वाकिफ हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि केले के पेड़ से सेनेटरी नैपकिन भी बन सकता हैं? अगर आप नहीं जानते तो यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद है. अहमदाबाद की एक कंपनी ‘साथी' ने माहवारी स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए एक सौ प्रतिशत ‘बायोडिग्रेडेबल' नैपकिन बनाने की...
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यूपी सहित देश के 5 राज्यों में जापानी इंसेफ्लाइटिस के मामले सबसे ज्यादा
क्या यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात से अनजान थे कि गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्चे बड़ी संख्या में मौत के शिकार हो सकते हैं ? नहीं.. यूपी के कुछ जिलों में बच्चों की जानलेवा बीमारी बनकर उभरे जापानी इंसेफ्लाइटिस बीमारी और उसकी गंभीरता के बारे में अनजान होने का दावा योगी आदित्यनाथ नहीं कर सकते ! आधिकारिक तौर पर उन्हें कम से कम तीन साल पहले...
More »गोरखपुर हादसे से लें सबक-- वरुण गांधी
गोरखपुर के बीआरडी हॉस्पिटल में 7 से 11 अगस्त के बीच साठ बच्चे मर गये. इस झकझोर देनेवाली घटना के लिए कई बातों को जिम्मेदार बताया जा रहा है. खबरों में बताया गया है कि इस अस्पताल में रोजाना इंसेफ्लाइटिलके 200-250 मरीज आ रहे हैं, जिनमें मृत्य दर 7 से 8 फीसदी है. अस्पताल और ऑक्सीजन सप्लायर के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, इधर राप्ती नदी के तट...
More »गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज में इस महीने अब तक 290 बच्चों ने तोड़ा दम
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में इस महीने अब तक 290 बच्चों की मौत हो चुकी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले रविवार और सोमवार को नवजात सघन चिकित्सा कक्ष (एनआइसीयू) में 26 तथा इंसेफेलाइटिस वार्ड में 11 समेत कुल 37 बच्चों की मृत्यु हुई है. हालांकि बताया जाता है कि पिछले 48 घंटों में इस अस्पताल में 42 बच्चों की जान जा चुकी...
More »भीड़तंत्र से शोरतंत्र तक-- शशि शेखर
पिछले एक हफ्ते से आप सिर्फ बिलखते लोगों की तस्वीरें देख रहे होंगे। गोरखपुर में अकाल काल के गाल में समा जाने वाले नौनिहालों के रोते-चीखते परिजन, नोएडा में जेपी, आम्रपाली सहित तमाम बिल्डर्स के शिकार मध्यवर्गीय लोग, कर्ज-माफी की घोषणा के बावजूद अपनी जान देने पर मजबूर किसान, केरल में सांप्रदायिक हिंसा के शिकार लोगों के परिजन...। क्या गुजरे 70 सालों में हमने यही कमाया है? यह गम और गुबार...
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