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ये स्लम बता देते हैं विकास का जमीनी सच, रिपोर्ट में खुलासा- रोहित की रिपोर्ट

पटना। भले ही राजधानी कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होती जा रही हो, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि इसकी बड़ी जनसंख्या स्लम में रहने को विवश है। इन स्लमों का हाल बहुत बुरा है। यह हाल तब है जब राजधानी में सबसे अधिक वोट स्लम क्षेत्र में मिलते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक राजधानी के स्लम क्षेत्रों में रहने वाले 90 प्रतिशत वयस्कों के पास मतदाता पहचान पत्र है...

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कड़िया की हवेली बाकी सबके झोपड़े

भले ही कड़िया मुंडा देश की सबसे बड़ी पंचायत (लोकसभा) के उपाध्यक्ष हो, लेकिन उनका गांव चांडीडीह काफी पिछड़ा है. खूंटी लोकसभा क्षेत्र की जनता ने पहली बार 1977 में कड़िया मुंडा को सांसद के रूप में चुना था और इसके बाद वे सात बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वर्ष 2009 में सांसद चुने जाने के बाद इन्हें लोकसभा का उपाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद मिला. भाजपा के इस वरिष्ठ...

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दर्द न कोई सुननेवाला है और न समझनेवाला ।। संजय मिश्र की प्रस्तुति।।

लोकल गवर्नेस में कैसे सुधार हो सकता है, इस सवाल को लेकर हम एक एसडीओ से रू-ब-रू थे. उन्होंने अपने हिसाब से सुधार के उपाय बताये. उनकी व्यथा थी कि चीजों को सही तरीके से नहीं देखा जा रहा. प्रस्तुत है दूसरी किस्त. हमारी मुलाकात बहुत ही दिलचस्प एसडीओ से हो रही थी. बातचीत के लिए एसडीओ ने अपने आवास पर ही बुला रखा था. इस मुलाकात से पहले हमने पूरा होमवर्क भी किया था. सुबह...

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शुद्ध पेयजल के लिए 400 करोड़ : प्रेम

भागलपुर : तीन साल के अंदर शहर के सभी घरों को शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा. प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अब ग्राउंड वाटर का दोहन नहीं होगा. ‘सरफेस वाटर यूटीलाइजेशन’ योजना के तहत भागलपुर में 400 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. उक्त बातें नगर विकास एवं आवास मंत्री प्रेम कुमार ने कही. वे बुधवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि जिन-जिन शहरों से होकर गंगा नदी गुजरती है, वहां...

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मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।

नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...

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