इस साल धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मासिक बुलेटिन का नवंबर संस्करण जारी किया. नवीनतम आरबीआई मंथली बुलेटिन में बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (यानी जुलाई-सितंबर, 2020) में जीडीपी में -8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गौरतलब है कि भारत की...
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2019 में वायु प्रदूषण से हर घंटे 13 नवजातों की मौत
-डाउन टू अर्थ, स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 के अनुसार वायु प्रदूषण के चलते भारत में 2019 में 116,000 से भी ज्यादा नवजातों की मौत हुई, जबकि इसके चलते 16.7 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वैसे भी देश में शायद ही ऐसा कोई शहर है जो इस प्रदूषण के असर से बचा है। जबकि यदि वैश्विक आंकड़ों की बात करें तो इसके चलते 2019 में 476,000 नवजातों की मौत उनके जन्म...
More »नए युग में धरती: सॉफ्ट शैल कछुआ प्रजाति की अंतिम मादा खत्म
-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ, हिंदी मासिक पत्रिका के चार साल पूरे होने पर एक विशेषांक प्रकाशित किया गया है, जिसमें मौजूदा युग जिसे एंथ्रोपोसीन यानी मानव युग कहा जा रहा है पर विस्तृत जानकारियां दी गई है। इस विशेष लेख के कुछ भाग वेबसाइट पर प्रकाशित किए जा रहे हैं। पहली कड़ी में आपने पढ़ा- नए युग में धरती : कहानी हमारे अत्याचारों की । दूसरी कड़ी में आपने...
More »नये कृषि कानूनों के बाद भी दूसरे प्रदेश में फसल नहीं बेच पा रहे किसान, मंडियों में नहीं मिल रही MSP, औने-पौने रेट पर बेचने को मजबूर
-गांव कनेक्शन, "कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है। जहां चाहे वहां बेच सकता है, लेकिन केवल मेरे किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था। अब नये प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में किसी भी कीमत पर बेच सकेगा।" देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 सितंबर को अपने एक ट्वीट ये तब कहा...
More »पीडीएस से बाहर गरीब बच्चों में है कुपोषण का सबसे ज्यादा खतरा
-डाउन टू अर्थ, किसी देश का भविष्य कैसा होगा, यह उसके बच्चों के भविष्य पर निर्भर होता है। लेकिन जब विकास का आधार ही कुपोषित हो तो सोचिये वह देश के भविष्य में कितना योगदान देगा। क्या होगा, जब देश के लगभग 58 फीसदी नौनिहालों (6 से 23 माह के बच्चों) को पूरा आहार ही न मिलता हो और जब 79 फीसदी के भोजन में विविधता की कमी हो। कैसे पूरे...
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