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जीत गईं जातियां, हार गईं जातियां- जिल वर्निस

मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख हिंदी भाषी प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कांग्रेस की जीत 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से भारत में हुआ सबसे बड़ा राजनीतिक उलटफेर है। मगर नवनिर्वाचित विधायकों का जातिगत विश्लेषण यह बताता है कि इन दोनों सूबों में सत्ता का बंटवारा जिन-जिन सामाजिक समूहों में है, उनके सियासी रुतबे में इस राजनीतिक बदलाव के बावजूद कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है।...

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अलोकतांत्रिक भारत और आरक्षण--- केसी त्यागी

गत सप्ताह एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध करते सवर्णों द्वारा ‘भारत बंद' का आह्वान किया गया था. इस मुद्दे पर भी बयानबाजी के जरिये अगड़ी-पिछड़ी जातियों को बांटने की राजनीतिक पहल हुई. यह पहली घटना नहीं है. पिछड़ों को प्राप्त आरक्षण समाप्त करने, अगड़ों के साथ पक्षपात करने जैसे भ्रामक दुष्प्रचार बतौर हथकंडे समय-समय इस्तेमाल होते रहे हैं. समझना होगा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15-4 के तहत...

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जाति जनगणना का अमृत और विष-- बद्री नारायण

अन्य पिछड़े वर्ग की आबादी के आंकड़े जमा करने की घोषणा हो गई है। 2021 की जनगणना में इन आंकड़ों को संकलित किया जाएगा। इसके पहले यह काम 87 साल पहले 1931 की जनगणना में हुआ था। साल 1980 में मंडल कमीशन रिपोर्ट ने भारतीय समाज में ओबीसी के रूप में 1,257 जातियों और 52 प्रतिशत जनसंख्या को चिह्नित किया था। 2021 की जनगणना में अगर ये आंकडे़ संकलित होते...

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उच्च जातियों को भी मिलना चाहिए 15 फीसदी आरक्षण: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी सरकार में दलित चेहरा हैं। बिहार से आने वाले और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष राम विलास पासवान ने हमारे सहयोगी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के कुमार उत्तम से एससी/एसटी एक्ट पर मार्च में सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार द्वारा किए गए बदलाव, पदोन्नति में आरक्षण और उच्च जातियों को आरक्षण आदि के मुद्दों पर बातचीत की।...

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कहां कितने अमीर: भारत में यहां बसते हैं सबसे संपन्न लोग, ये जिला है सबसे गरीब

अक्सर मन में सवाल आता है कि देश की सबसे संपन्न आबादी किन इलाकों में रहती है? इस सवाल के जवाब के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस) 2015-16 का विश्लेषण किया गया, तो पता चला कि देश के छह महानगरीय क्षेत्र में देश की एक चौथाई संपन्न आबादी निवास करती है। इनमें से भी 11 फीसदी अकेले दिल्ली-एनसीआर में निवास करती है, यानी संख्या के आधार पर देशभर में...

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